By अनन्या मिश्रा | Apr 07, 2025
नेबुलाइजर कब दिया जाता है
डॉक्टर बच्चों को नेबुलाइजर लगाने की सलाह तब देते हैं, जब उनको लोअर एयरवे की समस्या होती है या बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होती है। आमतौर पर बच्चे के चेस्ट की आवाज को स्टेथेस्कोप से सुनने के बाद ही डॉक्टर यह प्रिस्क्रिप्शन देते हैं। वहीं अगर बच्चे को सर्दी-जुकाम हुआ है, तो बिना स्टेथेस्कोप के आप यह नहीं जान सकते हैं कि उनको लोअर एयरवे की समस्या है या फिर अपर एयरवे की। ऐसे में बच्चे को नेबुलाइजेशन देना उनको हार्म पहुंचा सकता है।
जानिए स्टियरॉइड वाली दवा के नुकसान
आमतौर पर बच्चे के नेबुलाइजर में डाली जाने वाली दवा स्टियरॉइड होती है। जिसके अपने कुछ साइड इफेक्ट होते हैं। यदि डॉक्टर की सलाह के बिना इन दवाओं का बार-बार इस्तेमाल किया जाए, तो इससे बच्चा ज्यादा बीमार हो सकता है।
निमोनिया का खतरा
बता दें कि नेबुलाइजर के पाइप में पानी के कारण से नमी होती है। नमी की वजह से बैक्टीरिया पनपनते हैं। ऐसे में जब आप घर में काफी समय से रखी नेबुलाइजर मशीन को बच्चे को मुंह पर लगा देते हैं, तो उसमें मौजूद बैक्टीरिया बच्चे के चेस्ट में चले जाते हैं। जिसके वजह से बच्चे को निमोनिया का खतरा हो सकता है।
नेबुलाइजर देना हो सकता है खतरनाक
हेल्थ एक्सपर्ट ने सर्दी-जुकाम होने पर बार-बार नेबुलाइजर यूज करने वाले माता-पिता को इसके साइड इफेक्ट के बारे में बताया है। ऐसे में बच्चे को हर बार जुकाम होने पर नेबुलाइजर देना खतरनाक हो सकता है।