रविवार को नामांकन दाखिल करने के बाद गिरीश गौतम ने कहा था कि पार्टी ने हमेशा विंध्य का सम्मान किया है। उपेक्षा जैसी कहीं कोई बात नहीं है। अध्यक्ष पद के लिए अन्य दावेदारों के नाम पर उन्होंने कहा कि पार्टी में सबको अपनी बात कहने का हक है। विधानसभा अध्यक्ष के के तौर पर विधायकों के हितों की रक्षा करना पहली प्राथमिकता होगी। गिरीश गौतम 1972 से छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं। 1977 से लगातार किसान और श्रमिकों के लिए संघर्ष करते रहे। वर्ष 2003 में पहली बार विधायक बने। वर्ष 2008, 2013 और चौथी बार 2018 में विधायक बने। वे 2015 से 2018 तक विधानसभा की प्राक्कलन समिति के सभापति रहे। वे विधानसभा की लोक लेखा सहित विभिन्न समितियों के सदस्य रहे हैं।