By अंकित सिंह | Jun 02, 2022
बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से इस बात का ऐलान भी किया गया कि बिहार में जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी। इन सबके बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी जाति आधारित जनगणना को लेकर अपना बयान दिया है। अपने बयान में गिरिराज सिंह ने साफ तौर पर कहा कि वे जाति आधारित जनगणना के विरोधी नहीं है लेकिन प्रस्तावित जाति आधारित जनगणना में ‘‘बांग्लादेशियों’’ और ‘‘रोहिंग्या’’ जैसे ‘‘घुसपैठियों’’ को ‘‘तुष्टिकरण की राजनीति’’ के तहत स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इन्हें उससे बाहर रखा जाना चाहिए। भाजपा नेता सिंह ने देश में धर्मांतरण रोधी मजबूत कानून की जरूरत बताते हुए कहा कि ‘‘अल्पसंख्यक’’ शब्द के इस्तेमाल को खत्म करने और विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा उत्पीड़न के प्रतीक सभी चिह्नों को मिटाने की जरुरत है।
गिरिराज ने साफ तौर पर कहा कि पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का लाभ उठाने वाले मुसलमानों को भी इस कवायद के तहत शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने 1990 के दशक में दायर एक याचिका का हवाला देते हुए दावा किया कि बिहार के 11 जिलों में ‘अवैध प्रवासियों’ की आबादी उस समय लगभग चार लाख थी जिनका जिक्र तुष्टीकरण की राजनीति के कारण नहीं किया जाता है। सिंह ने उन ‘अवैध प्रवासियों’ को इस कवायद के तहत शामिल नहीं करने की आवश्यकता को रेखांकित किया जो उन्हें वैधता प्रदान कर सकती है। सिंह ने कहा, ‘‘चाहे वे बांग्लादेशी हों, रोहिंग्या या किसी अन्य प्रकार के अवैध निवासी हों, उन्हें इस अभ्यास से बाहर रखा जाना चाहिए।’’ कट्टर हिंदुत्व रुख के लिए जाने जाने वाले केंद्रीय मंत्री ने हिंदुओं के कथित धर्मांतरण के खिलाफ मजबूत धर्मांतरण रोधी कानून की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
जाति आधारित जनगणना को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक के नीतीश कुमार ने कहा कि आज सर्वसम्मति से यह निर्णय किया गया कि बिहार में जाति आधारित गणना की जाएगी। उन्होंने कहा कि सब लोगों का चाहे वे किसी भी जाति या धर्म के हों, इसके तहत पूरा का पूरा आकलन किया जाएगा और इसके लिए बड़े पैमाने पर और तेजी से काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार की ओर से जो भी संभव हो मदद दी जाएगी, जनगणना कार्य में लगाए जाने वाले लोगों का प्रशिक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज जो बातचीत हुई है इसी के आधार पर बहुत जल्दी कैबिनेट का निर्णय होगा। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार को इस काम को करना है तो कैबिनेट का निर्णय होगा। इस काम के लिए पैसे की जरूरत पड़ेगी तो उसका भी प्रबंध करना पड़ेगा। कैबिनेट के जरिए ये सब काम बहुत जल्दी कर दिया जाएगा।’’ नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित गणना की जाएगी, उसके बारे में विज्ञापन भी प्रकाशित किया जाएगा, ताकि एक-एक चीज को लोग जान सकें।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने विधानसभा में इस (जातिगत जनगणना) मुद्दे को उठाया, ये बिहार के लोगों की जीत है। चुंकि बिहार एक पिछड़ा और ग़रीब राज्य है तो इसमें मदद के लिए केंद्र सरकार को आर्थिक रूप से सहयोग करना चाहिए। बिहार में जातीय जनगणना की सहमति पर राजद नेता ने कहा कि हमने इसको (बिल) अगली कैबिनेट बैठक में लाने और नवंबर महीने में इसे शुरू करने की बात कही है। छठ पूजा के दौरान बिहार से बाहर रहने वाले लोग भी राज्य में आएंगे और तब तक हम इसकी तैयारी पूरी कर सकते हैं।