By अभिनय आकाश | Sep 16, 2022
बिहार के बेगूसराय जिले में 13 सितंबर की शाम सिरफिरे अपराधियों द्वारा सडक़ से गुजरने के दौरान अलग-अलग स्थानों पर की गयी गोलीबारी के सिलसिले में शुक्रवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस घटना पर पटना से लेकर दिल्ली तक खूब चर्चा हुई। बीजेपी महागठबंधन सरकार पर हमलावर भी रही। बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने तो जाकर नीतीश सरकार के खिलाफ धरना भी दिया। वहीं अब बेगूसराय की घटना की एनआईए या सीबीआई से जांच कराने की मांग की जा रही है।
भाजपा द्वारा बेगूसराय की घटना की जांच एनआईए या सीबीआई से कराने की मांग पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान सामने आया है। आरा में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा किजहां की घटना है वहां की पुलिस को जांच करनी चाहिए। वे जांच कर ही रहे हैं। जिन लोगों को पकड़ा गया है वही सारी बात बताएंगे। वहीं बेगूसराय की घटना पर केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि बेगूसराय की घटना में महज 10 लोगों पर गोलियां नहीं चलाई गई बल्कि उसमें सरकार के चेहरे बेनकाब हो गए। बेगूसराय में महज 10 लोगों पर गोली नहीं चलाई गई थी बल्कि वो एक आतंकी हमला था। इसकी जांच एनआईए या सीबीआई से कराई जाए।
अपराधियों द्वारा सडक़ से गुजरने के दौरान अलग-अलग स्थानों पर की गयी गोलीबारी के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार लोगों की पहचान सुमित कुमार, युवराज, केशव उर्फ नागा और अर्जुन के रूप में हुई है। घटना वाले दिन बंदूकधारियों ने सबसे पहले बेगूसराय कस्बे के मल्हीपुर चौक पर दुकानों को निशाना बनाकर गोलियां चलाईं। लोग इधर-उधर भागने लगे और दुकानदार अपने प्रतिष्ठानों से भाग गए। इसके बाद, हमलावर लोगों पर गोलीबारी जारी रखते हुए बरौनी थर्मल चौक, तेघडा, बछवाड़ा होते हुए राजेंद्र ब्रिज की ओर चले गए। घटना के बाद ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।