अपने ही साथियों पर गिरिराज की गिरी गाज, गठबंधन में ला सकती है दरार

By अंकित सिंह | Jun 05, 2019

गिरिराज सिंह, खबरों की दुनिया में यह नाम हमेशा चर्चाओं में रहता है। अगर खबरें ना मिल रही हों तो यह खबर दे जाते हैं वह भी आपके दरवाजे तक। यही कुछ इनके बारे में नीतीश कुमार भी कह रहे हैं। लोकसभा चुनाव हुए, भाजपा के साथ-साथ गिरिराज सिंह भी जीत गए। फिर इसके बाद नरेंद्र मोदी की सरकार बनी और गिरिराज सिंह मंत्री बन गए। यहां तक तो गिरिराज सिंह के लिए सब कुछ सही चल रहा था पर अचानक मंगलवार को इनके नाम की चर्चा होने लगती है। हमने भी इस चर्चा को जानने की कोशिश की तो पता चला कि उन्होंने कोई ट्वीटर बम फोड़ा है। पढ़ने पर पता चला कि बहुत ही सरल भाषा में बड़ी कठोर बात लिखी गई है। एक बार तो पढ़ने पर यह लगेगा कि सभी त्योहारों को एक ही तरह से मनाने की बात कही गई है पर जैसे इस ट्वीट के साथ लगी तस्वीरें को आप देखेंगे तो इसके असली मतलब तक पहुंच जाएंगे। 

चलिए, पहले यह बताते हैं कि आखिर उस ट्वीट में था क्या? "कितनी खूबसूरत तस्वीर होती जब इतनी ही चाहत से नवरात्रि पे फलाहार का आयोजन करते और सुंदर सुदंर फ़ोटो आते??...अपने कर्म धर्म मे हम पिछड़ क्यों जाते और दिखावा में आगे रहते हैं???" यह वही शब्द हैं जो गिरिराज ने लिखे है। मतलब निकालें तो साफ पता चल रहा है कि गिरिराज ने कुछ लोगों को दो धर्मों के त्योहार को समानता के साथ मनाने की हिदायत दी है। गिरिराज अगर धर्म की बात करे तो जाहिर सी बात है उसे कई तरह तरह से देखा जाएगा और उनका इतिहास भी ऐसा करने के लिए मजबूर करता है। बात-बात पर किसी खास धर्म के लोगों को पाकिस्तान भेजने वाले गिरिराज इस बार उन लोगों पर कम और अपने समकक्ष नेताओं पर ज्यादा निशाना साथ रहे थे। इन नेताओं में बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी थे। नीतीश से गिरिराज की तकरार बहुत पुरानी है। बिहार में नीतीश पर सबसे ज्यादा हमलावर भाजपा नेताओं की बात करे तो उसमें गिरिराज का नाम सबसे ऊपर आता है। 

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गिरिराज आज से ही नहीं, मोदी के उदय और नीतीश के भाजपा के साथ तकरार की शुरूआत से ही उन पर हमलावर रहे हैं। उस वक्त भाजपा ने भी गिरिराज को इस काम के लिए आगे कर रखा था। नीतीश के दोबारा NDA में वापसी के बाद भी गिरिराज उन पर हमलावर रहे। गिरिराज और नीतीश का प्रेम उस दिन देखने को मिला जब काफी मान-मनौवल के बाद वह बेगुसराय से चुनाव लड़ने बिहार पहुंचे। दोनों ने एक अच्छी फोटो भी खिचवाई पर उनके चेहरे की मुस्कान बनावटी लग रही थी। खैर, गिरिराज के इस ट्वीट पर बवाल मचना लाजमी था और हुआ भी यही। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू हमलावर हो गई। खुद नीतीश ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह ऐसा इसलिए करते रहते हैं ताकि खबरों में बने रह सकें। गिरिराज ने ऐसा पहली बार नहीं किया था पर उन्हें उनके ट्वीट के लिए पहली बार अपने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से फटकार मिली। सवाल यह उठता है कि यह फटकार क्यों? गिरिराज ने तो वही लिखा था जो उनकी पार्टी को सूट करता है। पार्टी पहले उनके बयानों को निजी मानकर किनारा कर लेती थी।

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अब हालात बदल गए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के नारे में फिलहाल गिरिराज का यह ट्वीट फिट नहीं बैठ रहा है। दूसरी बात यह है कि बिहार में NDA अभी नाजुक दौर से गुजर रहा है। नीतीश पहले ही मोदी मंत्रिमंडल में शामिल ना होकर भाजपा को अपन कड़े तेवर दिखा चुके हैं। ऐसे में गिरिराज का यह ट्वीट गठबंधन के लिए घातक साबित हो सकता है। बिहार में 2020 में विधानसभा चुनाव होने है और भाजपा को नीतीश की सबसे ज्यादा जरूरत है। यही कारण है कि बिहार भाजपा में नीतीश के सबसे करीबी और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी गिरिराज पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यह वही लोग हैं जो ना तो होली का भोज देते हैं न ही इफ्तार की पार्टी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गिरिराज कितने दिनों तक चुप रह पाते है और उनकी पार्टी उन्हें कितने दिनों तक शांत रख पाती है। 

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