By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 12, 2022
बारामूला (जम्मू कश्मीर)। हाल में कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि वह 10 दिन के भीतर अपनी नयी राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा करेंगे और इसकी विचारधारा ‘आजाद’ होगी। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नए राजनीतिक दल का एजेंडा जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली और लोगों की नौकरी तथा भूमि अधिकारों के लिए संघर्ष करना होगा। आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद कश्मीर घाटी में अपनी पहली जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं अपने सहयोगियों को धन्यवाद देता हूं, जो मेरे साथ खड़े हैं और मेरी नयी पार्टी का आधार हैं, जिसकी घोषणा अगले 10 दिन के भीतर की जाएगी।’’
उत्तरी कश्मीर के बारामूला में डाक बंगले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा कि उनकी नयी पार्टी अपने नाम की तरह अपनी विचारधारा और सोच में ‘आजाद’ होगी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पार्टी आजाद होगी। मेरे कई सहयोगियों ने कहा कि हमें पार्टी का नाम आजाद रखना चाहिए। लेकिन, मैंने कहा कभी नहीं। लेकिन, इसकी विचारधारा स्वतंत्र होगी, जो किसी अन्य में शामिल या विलय नहीं होगी। ऐसा मेरी मृत्यु के बाद हो सकता है, लेकिन तब तक नहीं।’’ आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और लोगों की नौकरी और भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहने के दौरान अपने विकास कार्यों को गिनाते हुए कहा, ‘‘मेरी पार्टी विकासोन्मुखी होगी। इसका एजेंडा लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना होगा।’’ आजाद (73) ने कहा कि वह किसी भी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं हैं, चाहे वह राष्ट्रीय हो या क्षेत्रीय। उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न दलों में कई लोग मेरे दोस्त हैं।’’ नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रसिद्ध नारे ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का उल्लेख करते हुए आजाद ने जम्मू कश्मीर के लोगों से अपील की कि अगर वे उनका समर्थन करते हैं तो वह उनके लिए अपना खून बहाएंगे।
आजाद ने कहा, ‘‘लेकिन, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि झूठे नारों के शिकार न हों।’’ आजाद के राज्यसभा सदस्य के तौर पर कार्यकाल खत्म होने पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए, पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘कोई भी इंसान भावुक हो जाता है।’’ आजाद ने कहा, ‘‘जब मैं जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री था, तो गुजरात के कुछ पर्यटक आतंकवादी हमले में मारे गए थे। मैं भावुक हो गया और जब मैंने उनके शवों के अवशेष देखे तो मैं रो पड़ा, उनके बच्चे मुझे गले लगा कर रो रहे थे। मैं भी एक इंसान हूं।’’
आजाद ने कहा, ‘‘मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने मुझे कई बार फोन किया। मेरे पीए ने उनसे कहा कि मैं रो रहा हूं और बात नहीं कर सकता और बाद में उनसे बात करूंगा। वह दिन में कई बार फोन करते रहे। जब शाम को, मैंने शवों को वापस भेजा, बच्चों ने मुझे फिर से गले लगाया। मैं रो रहा था और मोदी से बात की, जिन्होंने यह जानने के लिए फोन किया था कि क्या शव भेजे जा चुके हैं।’’ आजाद ने कहा, ‘‘इसलिए जब मैं राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुआ तो मोदी भावुक हो गए। उन्हें वह घटना याद आ गई। लेकिन, उन्होंने (मोदी) यह नहीं कहा कि उनका मेरे बिना खाना हजम नहीं होगा या मेरे बारे में सोचे बिना सो नहीं सकते।’’ आजाद ने कहा, ‘‘कश्मीर के लोगों को मोदी की टिप्पणियों पर गर्व करना चाहिए, उन्होंने कश्मीर के लोगों की मानवता और आतिथ्य के बारे में क्या कहा।
लेकिन, कांग्रेस के नेताओं ने मुझसे इसके बारे में कभी नहीं पूछा। क्योंकि उनके पास दिल नहीं है। वे आपका इस्तेमाल करते हैं और फेंक देते हैं। विपक्ष के जिन नेताओं को मैंने भला-बुरा कहा उन्होंने मेरी इंसानियत, मेरी ईमानदारी और मेरे काम का सम्मान किया। तो इसमें गलत क्या है।’’ आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे संबंध को तोड़ते हुए कहा थ्रर कि पार्टी ‘‘पूरी तरह खत्म हो चुकी है।’’ उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर पार्टी के पूरे परामर्श तंत्र को ‘‘ध्वस्त’’ करने का आरोप लगाया था।