By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 05, 2022
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक सभा में उनके बारे में जो कुछ भी कहा वह महज एक तथ्य है न की उनकी तारीफ। इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि राजनीति में महत्वाकांक्षी होना उचित है, लेकिन फर्क नजरिए का होता है। गहलोत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दो दिन पहले ही पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मुख्यमंत्री की बड़ाई किए जाने पर कटाक्ष करते इसे रोचक घटनाक्रम बताया।
उन्होंने पार्टी आलाकमान से राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर अनिर्णय की स्थिति को भी समाप्त करने को कहा था। गहलोत ने प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को मानगढ़ धाम में आयोजित एक जनसभा में उनकी प्रशंसा किए जाने के बारे में पूछे जाने पर बारां में संवाददाताओं से कहा कि मोदी ने उनकी वरिष्ठता के बारे में एक तथ्य बताया, जो कि सिर्फ एक तथ्य भर था। गहलोत ने कहा,‘‘ ...एक बात बताइए, उन्होंने तारीफ क्या की, उन्होंने तो तथ्य रखे, उन्होंने कोई परफॉर्मेंस (प्रदर्शन) की बात तो नहीं की। मैं तारीफ तो तब मानता जब वह मेरी तीन बातें मान लेते जो मैंने वहां रखीं।’’
मुख्यमंत्री ने एक नवंबर को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान तीन मांगें प्रधानमंत्री के समक्ष रखी थीं, जिनमें मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करना, राज्य की चिरंजीवी योजना की समीक्षा करवाकर इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करवाना और बांसवाड़ा को रेलवे से जोड़ना शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘अगर वे मेरी बातें मान लेते तब मानता मैं कि वह मेरी तारीफ कर रहे हैं। वह महज कह रहे थे कि मुख्यमंत्रियों की हमारी जमात थी और हम साथ थे, तब गहलोत वरिष्ठ थे... यह तथ्य है जिसे उन्होंने बताया, मैंने तो इसे तारीफ नहीं माना।’’
गहलोत ने कहा कि उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को विदेशों में सम्मान इसलिए मिलता है क्योंकि यह गांधी का देश है और हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें 70 साल तक मजबूत हुई हैं। गहलोत ने कहा, ‘‘ इसी दौरान (गत 70 साल में) पड़ोसी देश पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए, वहां बार-बार सैनिकों का शासन रहा, कल पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर गोली चल गई ... मैंने कहा था कि हमारे मुल्क में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुईं, यह गांधी का मुल्क है।’’
पार्टी में आंतरिक चुनौतियों के बारे मे पूछे जाने पर गहलोत ने बारां में बिना किसी का नाम लिए संवाददाताओं से कहा,“राजनीति में हर किसी की थोड़ी-बहुत महत्वाकांक्षा होती है और होनी भी चाहिए है। यह नजरिए (अप्रोच)है जिससे फर्क पड़ता है। सत्ताधारी दल में आंतरिक कलह का खंडन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस पर और कुछ नहीं बोलना चाहते। उन्होंने कहा कि राज्य और देश के हित में राजस्थान में अगला विधानसभा चुनाव जीतना जरूरी है।
गहलोत ने दावा किया कि चार साल पूरे करने जा रही उनकी सरकार के खिलाफ कोई सत्ताविरोधी लहर नहीं है। उन्होंने कहा कि अगला विधानसभा चुनाव सरकार के गवर्नेंस, कामकाज और कल्याणकारी योजनाओं के एजेंडे पर लड़ा जाएगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने बुधवार को कहा था कि 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक के समानांतर बैठक करने के मामले में पार्टी द्वारा जल्द कदम उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया कि कांग्रेस राजस्थान में (राजनीतिक) अनिर्णय की स्थिति को समाप्त करे।