जयपुर।
राजस्थान के मुख्यमंत्री
अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतें एवं स्व-अनुशासन में रहकर सामाजिक दूरी, मास्क लगाने एवं बार-बार हाथों को धोने सहित सभी स्वास्थ्य नियमों का पालना सख्ती से करें। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और इस वायरस का असर आगे भी लम्बे समय तक रहने की आशंका है। ऐसे में सभी को समझदारी दिखाते हुए संक्रमण से बचने के लिए जरूरी एहतियात बरतनी होंगी।
गहलोत ने मंगलवार को कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि अनलॉक-1 के दौरान संक्रमण रोकने के लिए कुछ राज्यों को लॉकडाउन 30 जून तक बढ़ाना पड़ा था। ऐसे में राजस्थान सरकार की प्रदेशवासियों से अपील है कि संक्रमण से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें एवं सभी तरह की सावधानियां बरतें। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को पहले की तरह ही गंभीरता से लिया जाए और इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं रखी जाए। जिन जिलों में संक्रमण के मामलें ज्यादा हैं, वहां विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां संक्रमण के मामलें मिले, वहां आसपास के लोगों की कोरोना जांच कराई जाए। साथ ही, ऐसे लोगों की भी रैंडम जांच हो जो अधिक लोगों के सम्पर्क में आते हैं एवं ‘सुपर स्प्रेडर्स’ (बिना लक्षण वाले मरीज जो अधिक से अधिक लोगों को संक्रमित कर सकते हैं) माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि जांच के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं उनका आवश्यकतानुसार उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों के साथ ही उप जिला अस्पतालों में भी ऑक्सीजन युक्त बिस्तर बढ़ाए जाएं ताकि आपात स्थिति में कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध हो सके। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी सांसदों से अपील की है कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले इसके लिए वे केन्द्र सरकार से मांग करें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की सीमा को कृषि उत्पादन के 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप ने बताया कि अनलॉक-2के लिए राज्य सरकार की ओर से गाइड लाइन जारी कर दी गई है। सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आई परेशानियों के बावजूद राज्य सरकार ने इस साल रिकॉर्ड 22 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद समर्थन मूल्य पर की है।