By डा. अनीष व्यास | Nov 05, 2024
हिंदू धर्म में लाभ पंचमी की खास महत्व दिया गया है। इसे सौभाग्य पंचमी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन मां पार्वत और भगवान शिव की पूजा की जाती है। लाभ पंचमी कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल लाभ पंचमी बुधवार 6 नवंबर को मनाई जाएगी। लाभ पंचमी को सौभाग्य पंचमी के रूप में भी मनाया जाता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को सौभाग्य पंचमी कहते हैं। ये तिथि सुख और समृद्धि बढ़ाती है। इस दिन शिवजी की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और परिवार में सुख-शांति आती है। गणेशजी की पूजा से सभी परेशानियों का नाश होता है। काराबोर में समृद्धि और प्रगति होती है। इससे सुख-शांति और खुशहाल जीवन की इच्छाओं को पूरा करने के मौके मिलते हैं। सौभाग्य पंचमी शुभ और लाभ की कामना के साथ भगवान गणेश को याद किया जाता है। इसे इच्छाओं की पूर्ति का पर्व भी कहते हैं। कुछ जगहों पर दीपावली से नववर्ष की शुरुआत हो जाती है और सौभाग्य पंचमी पर व्यापार एवं कारोबार में तरक्की और विस्तार के लिए इस इस दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है।
मांगलिक कामों की खरीदारी करने की परंपरा
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि लाभ पंचमी पर व्यापारी नए काम शुरू करते हैं। घरों में आकर्षक रोशनी के साथ देर रात तक आतिशबाजी भी करते हैं। लाभ पंचमी पर अबूझ मुहूर्त होने से बाजार में खरीदारी भी होती है। इस मौके पर शादी और अन्य मांगलिक कामों की खरीदारी करने की परंपरा भी है। सौभाग्य पंचमी जीवन में सुख और सौभाग्य की वृद्धि करती है। सौभाग्य पंचमी पर भगवान श्री गणेश की विशेष पूजा की जाती है। जिससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। कार्यक्षेत्र, नौकरी और कारोबार में उन्नति होती है और समृद्धि मिलती है। इस दिन गणेशजी के साथ भगवान शिव का स्मरण करना शुभ फलदायी होता है। सुख-सौभाग्य और मंगल कामना को लेकर किया जाने वाला सौभाग्य पंचमी का व्रत सभी इच्छाएं पूरी करता है। इस दिन भगवान के दर्शन और पूजा करने के साथ व्रत भी किया जाता है और कथा सुनी जाती है।
लाभ पंचमी तिथि और शुभ मुहू्र्त
लाभ पंचम तिथि : बुधवार, 6 नवंबर 2024
पंचमी तिथि प्रारंभ: 06 नवंबर 2024 को रात्रि 12:16 बजे से
पंचमी तिथि समाप्त: 07 नवंबर, 2024 को सुबह 12:41 बजे
लाभ पंचम मुहूर्त: प्रातः 06:12 बजे से प्रातः 10:08 बजे तक
पूजा विधि
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सौभाग्य पंचमी पर सुबह जल्दी नहाने के बाद से सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। इसके बाद शुभ मुहूर्त में भगवान शिव हनुमान जी और गणेश की मूर्तियों की पूजा करें। हो सके तो सुपारी पर मौली लपेटकर चावल के अष्टदल पर श्री गणेश जी के रूप में विराजित करना चाहिए। चंदन, सिंदूर, अक्षत, फूल, दूर्वा से भगवान गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद भगवान शिव को भस्म, बिल्व पत्र, धतूरा, सफेद वस्त्र अर्पित कर पूजन करना चाहिए। गणेशजी को मोदक व शिवजी को अन्य सफेद पकवान का भोग लगाना चाहिए।
लाभ पंचमी का महत्व
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लाभ पंचमी का दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए शुभ होता है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन कोई भी नया बिजनेस शुरू किया जा सकता है। लाभ पंचमी का त्योहार गुजरात मे बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। मान्यतानुसार इस दिन बिजनेसमैन नया बहीखाता शुरू करते हैं। साथ ही बहीखाता पर रोली-चंदन से शुभ-लाभ लिखते हैं।
- डा. अनीष व्यास
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक