By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 29, 2019
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक बॉन्ड खरीद और विदेशी विनिमय परिचालन के लेखा नियमों में बदलाव से हुए लाभ की वजह से सरकार को 1.23 लाख करोड़ रुपये का अधिशेष स्थानांतरित कर पाया है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि सिर्फ इन दो मद में केंद्रीय बैंक की आमदनी 57,000 करोड़ रुपये रही है।
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विमल जालान समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने1.76 लाख करोड़ रुपये की अधिशेष राशि सरकार को हस्तांतरित करने की अनुमति दी है। रिजर्व बैंकबोर्ड के इस फैसले की व्यापक आलोचना हो रही है। इस 1.76 लाख करोड़ रुपये की राशि में 1.23 लाख करोड़ रुपये अधिशेष और 52,000 करोड़ रुपये नए नियमों के तहत जोखिम प्रावधान के मद में बचत से निकले है जो एकबार के लिए हैं।
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सूत्र ने कहा कि बॉन्ड की खरीद फरोख्त में केंद्रीय बैंक 36,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हुई। इसी तरह परिसम्पत्तियों के लेखाजोखा के तरीके में बदलाव से केंद्रीय बैंक को 21,000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। सूत्र ने हालांकि लाभ की मात्रा के बारे नहीं बताया। उसने कहा कि संभावित जोखिमों को लेकर भी धन उपलब्ध कराने की जरूरत नहीं है क्योंकि जितनी पूंजी की जरूरत है वह जालान समिति द्वारा तय सीमा के अंदर है।