Shardiya Navratri 2023: शैलपुत्री से लेकर सिद्धदात्री तक, मां दुर्गा के 9 रूपों की रोचक है कहानी

By अनन्या मिश्रा | Oct 11, 2023

नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस बार नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। नवरात्रि में नौ देवियों के अलग-अलग दिन निर्धारित किए गए हैं। पुराणों में मां दुर्गा को आदिशक्ति और प्रकृति का प्रधान बताया गया है।

 

मान्यता के मुताबिक मां दुर्गा सृष्टि का संचालन करती हैं। मां दुर्गा का करुणा और दया की देवी हैं और उनकी आराधना से व्यक्ति के कष्ट दूर हो जाते हैं और भय का नाश होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों और उन 9 स्वरूपों की पूजा के बारे में बताने जा रहे हैं।

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शैलपुत्री

मां दुर्गा के पहले स्वरूप को हम शैलपुत्री के नाम से जानते हैं। माता शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री थीं। जिस कारण से इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। शारदीय नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री का होता है।


ब्रह्मचारिणी

ब्रह्मचारिणी मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप है। मां पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी। जिस कारण से माता का नाम तरश्रारिणी यानी कि ब्रह्मचारिणी पड़ गया। माता ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है।   


चंद्रघंटा

मां दुर्गा का यह तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा का है। माता पार्वती ने भगवान शिव से विवाह करने के बाद अपने मस्तक पर घंटे के आकार जैसा आधा चंद्र धारण करना शरू किया था। जिस वजह से इन्हें चंद्रघंटा कहा जाने लगा। मां चंद्रघंटा की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन होती है।


कुष्मांडा

मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना नवरात्रि के चौथे दिन होती है। मां कुष्मांडा को मालपुआ का भोग बहुत पसंद है। इसलिए नवरात्रि के दिन इनको प्रसाद के रूप में मालपुआ चढ़ाना चाहिए।     


स्कंदमाता

स्कंदमाता मां दुर्गा का पांचवां स्वरूप हैं। शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन माता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता को पका हुआ केला बहुत पसंद है। नवरात्रि में इस दिन केले का प्रसाद चढ़ाकर गरीबों में बांटने से आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।   


देवी कात्यायनी

मां दुर्गा के छठे रूप की पूजा देवी कात्यायनी के स्वरूप में की जाती है। इनको शहद बेहद पसंद है। नवरात्रि के इस दिन शहद जरूर चढ़ाना चाहिए।


कालरात्रि

मां कालरात्रि की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन होती है। माता कालरात्रि को प्रलयंकार भी माना जाता है। लेकिन अगर ये आप पर प्रसन्न हो जाएं तो पल भर में आपके सभी दुख मिट सकते हैं। देवी कालरात्रि को गुड़ का भोग बहुत अच्छा लगता है। इसीलिए इनको गुड़ का भोग लगाना चाहिए।   


महागौरी

मां गौरी की पूजा नवरात्रि के आठवें दिन की जाती है। मां महागौरी को नारियल का प्रसाद चढ़ाना चाहिए।


सिद्धिदात्री

मां सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्रि के नौवें अर्थात् आखिरी दिन होती है। माता सिद्धदात्री को तिल बहुत पसंद है। इसीलिए इसदिन मां को तिल का भोग लगाना चाहिए।

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