By अंकित सिंह | Dec 14, 2023
संसद में "अनियमित आचरण" के लिए एक राज्यसभा और 14 लोकसभा सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इस संख्या में निलंबित किए गए पांच कांग्रेस सांसद भी शामिल हैं। निलंबित किए गए संसद सदस्यों में मनिकम टैगोर, कनिमोझी, पीआर नटराजन, वीके श्रीकांतम, बेनी बहन, के सुब्रमण्यम, एसआर प्रतिभान, एस वेंकटेशन और मोहम्मद जावेद शामिल हैं। निलंबित किए गए सांसदों में नौ कांग्रेस से, दो सीपीएम से, दो डीएमके से और एक सीपीआई से हैं। तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था।
15 सांसदों को सदन से निलंबित करने पर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि कल जो हुआ वह एक बड़ी सुरक्षा और ख़ुफ़िया विफलता थी। हम चाहते हैं कि सरकार सदन को आकर बताए कि कल क्या हुआ और वे क्या कदम उठा रहे हैं। सरकार न बताने पर अड़ी है, या तो प्रधानमंत्री या गृह मंत्री को बयान देना चाहिए...सिर्फ इसलिए कि हमने मांग की और विरोध किया, हमारी आवाज को दबाने के लिए, लगभग 15 सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि या तो प्रधानमंत्री या गृह मंत्री सदन में आएं और कल हुई घटनाओं और भविष्य के लिए वे क्या सुधारात्मक कदम उठाने जा रहे हैं, इस पर स्पष्ट बयान दें।
डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए लोकसभा से निलंबित करने पर कहा कि एक सांसद हैं जिन्होंने वास्तव में इन (संसद सुरक्षा उल्लंघन के आरोपी) लोगों को आने के लिए पास दिए हैं। उस सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि हमने देखा कि महुआ के मामले में क्या हुआ। जांच पूरी हुए बिना ही उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है और इस सांसद को निलंबित भी नहीं किया गया है। वह हमारे साथ संसद के अंदर हैं। और जब हमने विरोध किया और हम चाहते हैं कि पीएम और गृह मंत्री आएं और सदन में बयान दें, तो वे ऐसा करने के लिए तैयार नहीं हैं। और जब हमने विरोध किया तो वे सभी विपक्षी सांसदों को निलंबित कर रहे हैं। पहले पांच को सस्पेंड किया, फिर नौ लोगों को सस्पेंड कर दिया. तो फिर ये कैसा लोकतंत्र?
सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोकसभा में बुधवार को सुरक्षा चूक की घटना के मामले में उच्च-स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है और विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे जब शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को सदन में सुरक्षा की चूक संबंधी घटना को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘हम सब सहमत हैं कि कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना सदस्यों की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर थी।’’ उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने घटना के तत्काल बाद सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई और संसद की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए सबके सुझाव सुने।