By अभिनय आकाश | Sep 21, 2021
अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरी बीते दिनों प्रयागराज में मृत पाए गए। घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें कुछ लोगों के नाम लिखे हैं। वहीं महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में उनके शिष्य आनंद गिरी को हरिद्वार से यूपी पुलिस ने हिरासत में लिया। वहीं आनंद गिरी का कहना है कि नरेंद्र गिरी की हत्या कर मुझे फंसाने की साजिश की गई है। दावा ये भी किया गया कि महंत नरेंद्र गिरि को वीडियो से ब्लैकमेल किया जा रहा था और एक राजनीतिक पार्टी के नेता के ऊपर संदेह भी जताया गया। लेकिन आत्महत्या और हत्या के बीच उलझी इस गुत्थी के बारे में विस्तार से बताने से पहले आपको बता दें कि ये कोई पहला ऐसा मामला नहीं है जब संत की खुदकुशी के बताए जाने वाले मामले को लेकर सवाल उठे हो। इससे पहले भी भय्यू महाराज की आत्महत्या को लेकर कई तरह के सवाल उठ चुके हैं।
आज से तीन साल पहले 2018 में जून के महीने में प्रसिद्ध संत भय्यूजी महाराज ने इंदौर स्थित अपने घर में कथित रूप से गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने इस सनसनीखेज घटना के सात महीने बाद उनके दो विश्वस्त सहयोगियों- विनायक दुधाड़े और शरद देशमुख के साथ एक युवती को गिरफ्तार किया था। भय्यू महाराज के नजदीक रही युवती उन पर शादी के लिए कथित रूप से दबाव बना रही थी, जबकि अधेड़ उम्र के आध्यात्मिक गुरु पहले से शादीशुदा थे। हालांकि उनकी आत्महत्या को लेकर भी परिवार वालों की तरफ से सवाल उठाए गए थे। कई तरह की थ्योरी बी सामने आई।
अनुयायियों में फडणवीस से लेकर लता मंगेशकर तक
नके कई अनुयायी हैं, जिनमें नेता एवं फिल्म स्टार शामिल हैं। अध्यात्म गुरू का आश्रम इंदौर शहर में स्थित है और उनके अनुयायियों में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई शीर्ष नेता, सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर सहित कई मशहूर हस्तियां शामिल थीं।
एमपी सरकार ने दिया था राज्यमंत्री का दर्जा
कुछ महीने पूर्व मध्यप्रदेश सरकार ने पांच धार्मिक नेताओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था जिसमें भय्यूजी महाराज भी शामिल थे। सरकार के इस कदम के बाद विवाद खड़ा हो गया था। विवाद के बाद भय्यूजी ने घोषणा की थी कि वह राज्यमंत्री दर्जे का कोई लाभ नहीं लेंगे।
नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत की जांच जारी
यूपी के प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की जांच चल रही है। इस पूरे मामले को लेकर नए खुलासे भी हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि नरेंद्र गिरी को वीडियो के दम पर ब्लैकमेल किया जा रहा था। कहा जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल करने में एक सीडी का इस्तेमाल किया जा रहा था। ब्लैकमेलिंग के इस मामले में समाजवादी पार्टी की सरकार में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रहे व्यक्ति भी जांच के दायरे में हैं। कहा गया कि अक्सर बाघंबरी मठ में नरेंद्र गिरि से मिलने आते थे। वहीं अखिलेश यादव ने नरेंद्र गिरी को श्रद्धांजलि देते हुए मामले की हाइकोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की है।
26 मई को हुए गुरु-शिष्य समझौते पर होगी पूछताछ
पुलिस 26 मई को महंत नरेंद्र गिरी और उनके शिष्य के बीच हुए समझौते में मौजूद लोगों से भी पूछताछ करेगी। समाजवादी पार्टी के नेता इंदु प्रकाश मिश्रा, बीजेपी नेता सुशील मिश्रा और मुरादाबाद के एसपी ओपी पांडेय से पूछताछ की जाएगी। बता दें कि नरेंद्र गिरी और आनंद गिरी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। एक समय तो ऐसा भी था जब नरेंद्र गिरी ने आनंद गिरी को मठ तक से निकाल दिया था। जिसके बाद समझौता हुआ था। इसके साथ ही जमीन को लेकर भी विवाद चल रहा था। 26 मई को समझौते के वक्त ये तीनों लोग मौजूद थे।
धर्मराज ने हत्या बताया, योगी बोले- दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी
अयोध्या से आए निर्वाणी अखाड़ा के महाराज धर्मराज ने नरेंद्र गिरी की मौत को साजिश बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि वो आत्महत्या कर ही नहीं सकते हैं। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। पूरी साजिश का पर्दाफाश होगा। पूरे मामले की निगरानी पुलिस के 4 बड़े अफसर कर रहे हैं।