राम मंदिर की नींव का कार्य पूरा, जल्द ही रेफ्ट बनाने का काम होगा शुरू

By सत्य प्रकाश | Aug 27, 2021

अयोध्या। राम मंदिर की नींव भराई का कार्य पूरा हो चुका है। अब जल्द ही रेफ्ट बनाये जाने का कार्य प्रारंभ होगा। जिसके ऊपर पत्थरों का कार्य किया जाएगा। इसके पहले मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक बुलाई गई है। जिसमे मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए नींव निर्माण को लेकर चर्चा हुई।  

इसे भी पढ़ें: अयोध्या में स्वर्गीय कल्याण सिंह को संतों ने दी श्रद्धांजलि, याद में सजा मंच 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 अगस्त को अयोध्या पहुंच रहे हैं। जहां रामायण कॉन्क्लेव का उद्घाटन करने के बाद महामहिम हनुमानगढ़ी पर पूजा अर्चना करेंगे। जिसके बाद राम जन्मभूमि परिसर पहुंचेंगे जहां राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा स्वागत किया जाएगा और श्री रामलला के दरबार में दर्शन कर आरती भी उतारेंगे। इस दौरान राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे निर्माण कार्य का भी अवलोकन कर परिसर में ही वृक्षारोपण करने की योजना है। जिसको लेकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तैयार शुरू कर दी है। निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में तैयारी पर भी मंथन किया जाएगा तो वहीं बैठक में मंदिर निर्माण को लेकर किए जा रहे नींव भराई के कार्य पर स्वीकृति भी दिया जा सकती है। 

इसे भी पढ़ें: राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के नाम से मांगा जा रहा फर्जी चंदा ! अयोध्या कोतवाली पहुंचा मामला 

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने जानकारी दी है। कि मंदिर की नींव का काम पूरा हो गया। अब रेफ्ट का काम जल्द ही आरंभ हो जाएगा। और उसके पश्चात ऊपर के निर्माण कार्य का आरंभ होगा। उसे आप लोग अपनी आंखों से देख सकेंगे। आप सभी लोगों के लिए खुला है। अब सभी लोग स्वयं देख सकते हैं। एक बार रेफ्ट का काम पूरा होगा। उसके बाद उसके ऊपर स्टोन का काम आरंभ होगा। उसके लिए दी दिन की बैठक है। उसके बाद ऊपर के पत्थरों का कार्य आरंभ हो जाएगा।

प्रमुख खबरें

Delhi Police का खुलासा, छात्रों को नहीं देनी थी परीक्षा, तो स्कूल को बम से उड़ाने की फर्जी धमकी दे डाली

Sambhal से आई बड़ी खबर, जमीन के नीचे मिली ऐतिहासिक विरासत रानी की बावड़ी, मिट्टी में थी दफन

भारत दूसरों को अपने फैसलों पर वीटो लगाने की अनुमति नहीं दे सकता: जयशंकर

National Mathematics Day 2024: रामानुजन के गणितीय सूत्र दुनिया भर के गणितज्ञों के लिए आज भी पहेली हैं