By अंकित सिंह | Sep 04, 2020
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बस कुछ ही दिनों में तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा। इसके साथ ही इस बात की चर्चा गर्म हो गई है कि आखिर बिहार में कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में मुकाबला महागठबंधन बनाम सत्ताधारी एनडीए के बीच है। महागठबंधन से पूर्व सीएम जीतन राम मांझी बाहर निकल चुके है। परंतु महागठबंधन का कुनबा अभी भी बड़ा दिखाई दे रहा है। पर महागठबंधन के सामने इस बात का भी संकट है कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर लड़ेगी। यह माना जा रहा है कि महागठबंधन में आरजेडी अगुआ की भूमिका में ही रहेगी। इसके बाद कांग्रेस का स्थान रहेगा। हालांकि लालू की अनुपस्थिति में गठबंधन के सभी सहयोगियों को साथ लेकर चल पाने में आरजेडी को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन फिर भी चुनावी मजबुरी को देखते हुए सभी पार्टी एक साथ चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे है।
बात महागठबंधन की करें तो सूत्र बता रहे है कि आरजेडी 135 140 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार सकती है। वहीं कांग्रेस के खाते में 50 से 55 सीटें जाएंगी। उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी को 23 से 25 सीट दिए जाने की संभावना है। वही वामदलों को भी कुछ सीटें दी जा सकती है। वामदलों में सीपीआई एमएल को 5 से 10 सीटें दी जा सकती है। वहीं सीपीआई को 3 से 5 सीट और सीपीआईएम को दो से तीन सीटें दी जाएंगी। मलाह की राजनीति करने वाले मुकेश सैनी की पार्टी वीआईपी को 8 से 10 सीटें मिलने की संभावना है। परंतु सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या कांग्रेस और आरएलएसपी इतनी सीटों पर मान जाएंगी। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो उनका दावा है कि फिलहाल महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तकरार और भी बढ़ सकता है।
आरजेडी के सामने कांग्रेस को साधना सबसे बड़ी चुनौती है। कांग्रेस लगातार 70 से 80 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की मांग कर रही है। आरजेडी 50 से 55 सीटें ही देने को तैयार है। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प हो गया है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस किस तरह के रुख को अपनाती है। कांग्रेस अब यह कह रही है कि हमने लोकसभा चुनाव के दौरान आरजेडी की बात मानी थी अब हमें विधानसभा में अपने हिसाब से सीटें चाहिए। सूत्र ये भी कहते है कि आरजेडी फिलहाल कुछ और दलों को साधने की कोशिश में है। आरजेडी फिलहाल बसपा और सपा जैसी पार्टियों से बात कर रही है। यह माना जा रहा है कि आरजेडी अपने कोटे से इन दलों को कुछ सीटें दे सकती है। वही मुकेश साहनी को इस बात की उम्मीद है कि तेजस्वी उन्हें पर्याप्त सीटें देंगे। हालांकि सूत्र यह बता रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा आरजेडी द्वारा आवंटित की गई सीटों पर मान सकती है।