By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 27, 2021
वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निकी हेली और सांसद माइक वाल्ट्ज ने भारत एवं अमेरिका के बीच गठबंधन का आह्वान करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों को क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख के बीच अपनी वैश्विक ताकत को बरकरार रखने और विस्तार देने में मदद मिलेगी। वाल्ट्ज प्रतिनिधि सभा की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्य हैं और ‘इंडिया कॉकस’ के रिपब्लिकन उपाध्यक्ष हैं। हेली और वाल्ट्स ने प्रतिष्ठित ‘फोरेन पॉलिसी’ पत्रिका के ताजा संस्करण में लिखा, ‘‘10 लाख से अधिक सैन्यबलों वाली एक परमाणु शक्ति के रूप में, मजबूत होती नौसेना और एक शीर्ष स्तरीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के साथ और अमेरिका के एक पुराने आर्थिक एवं सैन्य सहयोगी के रूप में भारत एक मजबूत साझेदार बनेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के साथ गठबंधन से दोनों देशों को अपनी वैश्विक ताकत को बरकरार रखने और विस्तार देने में मदद मिलेगी तथा अमेरिका जापान एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर अफगानिस्तान में संभावित आतंकवादी खतरों और चीन के लिए एक वास्तविक अवरोधक बनेगा।’’
हेली और वाल्ट्स ने लिखा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के बाद केवल भारत ही वहां प्रभावी ढंग से सतर्कता से नजर रख सकता है और केवल वही चीन की गतिविधियों पर नजर रख सकता है। दोनों रिपब्लिकन नेताओं ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच गठबंधन चीन को मध्य एवं दक्षिणी एशिया में और विस्तार देने से रोकेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह गठबंधन क्षेत्र की बदलती भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को भी पहचानेगा। भारत के प्रति चीन का हालिया आक्रामक रुख कोई संयोग से नहीं है। यह एक व्यापक योजना का हिस्सा है। भारत के लंबे समय से शत्रु रहे पाकिस्तान से समर्थन मिलने के बाद ‘चीन की कम्युनिस्ट पार्टी’ (सीसीपी) का हौसला बढ़ा है।