पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। भारतीय राजनीति में छह दशकों का लंबा सफर तय करने वाले प्रणब दा ने राजधानी दिल्ली के सैन्य अस्पताल में अंतिम सांसें लीं। सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की।
राजकीय शोक के दौरान देश भर में सरकारी भवनों पर तिरंगा आधा झुका रहेगा और कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरे भारत में 31 अगस्त से 6 सितंबर तक सात दिवसीय राजकीय शोक मनाया जाएगा। मंगलवार को उनका दिल्ली में अंतिम संस्कार किया जा सकता है।
पीएम मोदी ने जताया दुख
पीएम मोदी ने कहा कि भारत रत्न से सम्मानित प्रणब मुखर्जी के निधन से देश शोक संतप्त। मुखर्जी ने भारत के विकास की दिशा में अमिट छाप छोड़ी, वह उत्कृष्ट विद्वान, राजनेता थे जिनका सभी सम्मान करते थे।
ममता सरकार ने भी घोषित किया शोक
प्रणब मुखर्जी के निधन पर बंगाल की ममता सरकार ने भी 1 सितंबर को राज्य में शोक घोषित किया है। सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर 31 अगस्त से छह सितम्बर तक पूरे राज्य में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन
बता दें कि प्रणब मुखर्जी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और उनकी हाल ही में ब्रेन सर्जरी भी की गई थी। मुखर्जी को गत 10 अगस्त को सेना के ‘रिसर्च एंड रेफ्रल हास्पिटल’ में भर्ती कराया गया था। उसी दिन उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई। अस्पताल में भर्ती कराये जाने के समय वह कोविड-19 से संक्रमित पाये गए थे। साथ ही उनका फेफड़ों में संक्रमण के लिए भी इलाज किया जा रहा था। उन्हें इसके चलते रविवार को ‘सेप्टिक शॉक’ आया था।