By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 17, 2019
नयी दिल्ली। भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख सुनील लांबा का कहना है कि समुद्र तट से किए जाने वाले हवाई अभियान अपनी रेंज की वजह सेअब भी सीमित हैं इसलिए विमानवाहक पोतों को बेड़े से हटा देना बहुत जल्दबाजी होगी क्योंकि समुद्र क्षेत्र में उनका प्रभाव लगातार व्यापक बना हुआ है। भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख सुनील लांबा ने मंगलवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा, “कैरियर बैटल ग्रुप पोतों का एक मिलाजुला समूह है (जिसमें विमानवाहक पोत और पनडुब्बियां भी शामिल होती हैं)...यह समुद्र में प्रभाव बढ़ाने के लिए बड़ी क्षमता विकसित करता है। इसलिए मेरे विचार में, विमानवाहक पोत को हटाना जल्दबाजी होगी।”
इसे भी पढ़ें: नौसेना की योजना है कि उसके पास तीन विमानवाहक पोत हों: नौसेना प्रमुख
लांबा ने कहा, “पूरे विश्व में एक हिस्सा है, खासकर वायु सेनाओं का, जो विमानवाहक पोतों की संवेदनशीलता की बात करता है और (कहता है कि) समुद्र तट से काम करने वाली वायु सेनाएं और विमानवाहक जो कर सकते हैं वह कर रहे हैं। लेकिन उनकी दूरी की वजह से उनका प्रयोग सीमित है।”