पूर्व आईपीएस ने दुष्कर्म पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाया, पीड़िता ने सोशल मीडिया पर साझा किया दर्द

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 27, 2021

लखनऊ, 27 अगस्त, राजनीतिक दल बनाने की घोषणा करने के कुछ ही घंटों बाद शुक्रवार को भारतीय पुलिस सेवा के उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ आयुक्तालय की हजरतगंज कोतवाली पुलिस ने एक दुष्कर्म पीड़िता और उसके सहयोगी को आत्महत्या के लिए उकसाने समेत कई गंभीर आरोपों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हजरतगंज कोतवाली पुलिस के अनुसार अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर उनका डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में चिकित्सीय परीक्षण कराया गया और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। हजरतगंज पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार को उनके गोमतीनगर स्थित आवास से गिरफ्तार किया।

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अमिताभ ने ट्विटर पर कहा, ‘‘पुलिस बिना कोई कारण बताए उनको जबरन हजरतगंज कोतवाली में ले गई है।’’ हालांकि लखनऊ के पुलिस आयुक्त डी के ठाकुर ने शुक्रवार को पीटीआई- से इसकी पुष्टि की और बताया कि एक दुष्कर्म पीड़िता और मामले के गवाह की मौत के बाद दर्ज कराये गये मामले में पूर्व आईपीएस की गिरफ्तारी की गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इसी मामले में बनाई गई जांच समिति के निर्देश पर हजरतगंज कोतवाली में वरिष्ठ उप निरीक्षक दयाशंकर द्विवेदी की तहरीर पर सांसद अतुल राय और पूर्व पुलिस अधिकारी के खिलाफ भारताीय दंड विधान की धारा 120 बी(साजिश) 167 (लोक सेवक द्वारा क्षति कारित करने के आशय से त्रुटिपूर्ण दस्‍तावेज रचना) 195-ए (किसी को झूठे साक्ष्‍य के लिए धमकाना) , 218 (किसी व्यक्ति को दंड से बचाने के लिए लोक सेवक द्वारा झूठे अभिलेख तैयार करना) 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) 504 (लोक शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) और 506 (धमकी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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उन्होंने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद ही पुलिस ने ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, पीड़िता एवं उसके सहयोगी द्वारा 16 अगस्‍त को उच्चतम न्यायालय के समक्ष आत्मदाह का प्रयास करने के संबंध में शासन ने एक जांच समिति का गठन किया था। इसमें पुलिस महानिदेशक (पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड) तथा अपर पुलिस महानिदेशक (महिला सुरक्षा एवं बाल सुरक्षा संगठन) को शामिल किया गया था।’’ गोयल ने बताया, ‘‘संयुक्‍त जांच समिति ने अपनी अंतरिम जांच आख्‍या में पीडि़ता एवं उसके सहयोगी गवाह को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने तथा अन्‍य आरोपों में सांसद अतुल राय और पूर्व पुलिस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया तथा उनके उनके विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर विवेचना करने की संस्तुति की। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में सांसद अतुल राय और सेवानिवृत्त आईपीएस अमिताभ ठाकुर के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई है और विवेचना के दौरान ठाकुर की गिरफ्तारी की गई है।

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उल्लेखनीय है कि मऊ जिले के घोसी लोकसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता की मंगलवार को दिल्लीमें उपचार के दौरान मौत हो गई। इससे पहले 16 अगस्‍त को पीड़ित लड़की और उसके मित्र सत्यम राय ने उच्चतम न्यायालय के सामने खुद को आग के हवाले कर दिया था और उपचार के दौरान 21 अगस्त को सत्यम राय की तथा 24 अगस्त को पीड़ित लड़की की मौत हो गई थी। आत्‍मदाह से पहले दोनों ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा लोगों से साझा की थी। बलिया जिले की रहने वाली पीड़िता वाराणसी के यूपी कालेज की छात्रा थी और उसने मई 2019 में वहां लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। वरिष्ठ उप निरीक्षक की तहरीर के मुताबिक महानिदेशक (उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड) की अध्यक्षता में बनी जांच समिति द्वारा 27 अगस्त को प्रेषित आख्या के तथ्यों के आधार पर उन्होंने हजरतगंज कोतवाली में तहरीर दी है। उप्र के पुलिस महानिदेशक ने इस मामले की जांच के लिए डीजी भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड तथा एडीजी महिला सुरक्षा एवं बाल सुरक्षा संगठन की एक जांच समिति गठित की थी जिसने 27 अगस्‍त को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

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जांच समिति की रिपोर्ट में आरोप है कि अभियुक्त पक्ष (अतुल राय) द्वारा पीड़िता व उसके गवाह के विरूद्ध कुल सात मामले दर्ज कराये गये। इसमें यह भी आरोप है कि अमिताभ ठाकुर द्वारा अभियुक्त अतुल राय से पैसा लेकर न्‍यायालय के लिए झूठे साक्ष्य गढ़े जा रहे हैं तथा उसकी (पीड़िता) छवि धूमिल करके उसे आत्मदाह के लिए उकसाया जा रहा है। आरोप के अनुसार, सांसद के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराये जाने के दौरान ही उनके लोगों द्वारा लगातार मानसिक व शारीरिक यातनाएं दी जा रही हैं तथा मामले में बयान बदलने व कार्यवाही न करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। तहरीर में यह भी कहा गया है कि सांसद अतुल राय व अमिताभ ठाकुर द्वारा उसकी छवि खराब करने के लिए अत्यंत गंभीर आरोप लगाये जा रहे हैं। पीडि़ता ने यह भी आरोप लगाया कि अमिताभ ठाकुर उसके गवाह का नाम किसी अपराधी के साथ जोड़कर दिखा रहे और आडियो वायरल कर रहे हैं जिससे व्यथित होकर मेरे गवाह (सत्यम राय) आत्‍मदाह करने की बात कह रहे थे।

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तहरीर में यह भी उल्लेख है कि सांसद अतुल राय एक बाहुबली हैं और ऐसे में अमिताभ ठाकुर जैसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा उसकी मदद करना हमें भविष्य में आत्महत्या के लिए मजबूर कर सकता है। उधर, बलिया में पत्रकारों से बातचीत में पीडि़ता के भाई ने कहा कि योगी सरकार से इंसाफ मिलने की उम्‍मीद है। भाई ने कहा कि सरकार की कार्रवाई को देखकर परिवार आगे की रणनीति पर निर्णय करेगा। भाई ने आज अपने गांव में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि परिवार चाहता है कि उनकी बेटी के साथ न्याय हो तथा उसे इंसाफ मिले क्‍योंकि न्याय के लिए ही उसकी बहन ने मौत को आलिंगन कर लिया। उसकी बहन ने हर जगह न्याय के लिए लड़ाई लड़ी , लेकिन उसका सुना नही गया। भाई ने कहा कि परिवार अभी सरकार की कार्रवाई पर नजर गड़ाये हुए है और इसके बाद परिवार आगे की रणनीति पर निर्णय करेगा। उल्लेखनीय है कि युवती के भाई के पहले उसके बाबा ने बसपा सांसद अतुल राय पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनका परिवार सांसद से भयभीत है और सांसद उनके घर पर अपने गुर्गों को भेजकर धमकी दिलाते हैं।

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने शुक्रवार को सुबह कहा कि वह जल्द ही एक नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। ठाकुर को समय से पहले ही सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी और उन्होंने अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए एक निर्णय के बाद ठाकुर को 23 मार्च को जनहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक आदेश में ठाकुर के बारे में कहा गया था (2028 में ठाकुर कीसेवा पूरीहोती) उन्हें अपनी सेवा के शेष कार्यकाल के लिए बनाए रखने के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया।

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