By अंकित सिंह | Oct 18, 2021
सोशल मीडिया पर एक लाइव बातचीत के दौरान अनुसूचित जाति को लेकर टिप्पणी करने के आरोप में पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युवराज सिंह की गिरफ्तारी शनिवार को हुई थी। हालांकि, पूरे मामले को गुप्त रखा गया था। गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही अंतरिम जमानत पर युवराज सिंह को रिहा भी कर दिया गया। बताया जा रहा है कि शनिवार को हरियाणा की हांसी पुलिस में युवराज को गिरफ्तार कर जांच में शामिल होने को कहा था। युवराज की गिरफ्तारी की खबर विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के जरिए रविवार देर रात सामने आई।
जानकारी के मुताबिक पुलिस ने युवराज को हिसार स्थित पुलिस विभाग के गैजेटेड ऑफीसर मैस में बैठाकर पूछताछ की है। इसके बाद हाईकोर्ट के निर्देशानुसार युवराज सिंह को औपचारिक जमानत पर छोड़ दिया गया। दूसरी ओर शिकायतकर्ता रजत कलसन ने दावा किया कि युवराज सिंह को हरियाणा पुलिस द्वारा भी वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया है। रजत कलसन के मुताबिक पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के युवराज सिंह को अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद उन्होंने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिस पर अदालत सुनवाई करेगी। आपको बता दें कि जून 2020 में हास्य पुलिस को रजत कलसन ने शिकायत दी थी और फरवरी 2021 में केस दर्ज हुआ था।
क्या है मामला
दरअसल, पिछले लॉकडाउन में युवराज सिंह विभिन्न खिलाड़ियों के साथ सोशल मीडिया के जरिए लाइव बातचीत करते थे। इसी कड़ी में इंस्टाग्राम पर क्रिकेटर रोहित शर्मा के साथ बातचीत में युवराज सिंह ने मजाक-मजाक में जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल कर दिया था। युवराज ने यह शब्द युजवेंद्र चहल के लिए किया था जिसके बाद युवराज सिंह के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया गया था। हालांकि जब सोशल मीडिया पर युवराज को यह वीडियो वायरल हुआ था तो उन्होंने खेद भी व्यक्त किया था। युवराज ने ट्वीट कर कहा था कि मैं यह बात साफ कर देना चाहता हूं कि मैं किसी भी तरह के भेदभाव में विश्वास नहीं रखता चाहे वह जाति, रंग, लिंग या मजहब का आधार पर हो। उन्होंने कहा कि अपने दोस्तों के साथ बातचीत के दौरान मैंने जो कहा उसे गलत तरीके से समझा गया। हालांकि, भारतीय होने के नाते मैं कह सकता हूं कि अगर मैंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है तो उसके लिए खेद व्यक्त करता हूं।