By दिनेश शुक्ल | Sep 01, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोविड-19 के इलाज के लिए सरकार द्वारा चिंहित अस्पतालों को लेकर सियासत शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार को बताना चाहिए कि क्यों सरकारी कोविड हॉस्पिटल और केयर सेंटर खाली रहे और चिरायु जैसे हॉस्पिटल में कोविड के मरीजों को भर्ती किया जाता रहा, जहाँ मनमाने तरीके से उपचार के नाम पर नागरिकों की गाढ़ी कमाई और सरकारी खजाने पर डाका डाला गया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मेरे संज्ञान में लाया गया कि चिरायु हॉस्पिटल, जो कोविड की महामारी के लिए चिन्हित किया गया है, वहाँ आम लोगों के साथ ज्यादती की जा रही है। उपचार में गंभीर लापरवाही भी बरती जा रही है।
उन्होंने इस दौरान प्रश्न करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ख़ुद वहाँ भर्ती रहे हैं। उन्हें ये बात स्पष्ट करनी चाहिए कि क्या चिरायु हॉस्पिटल में वीवीआईपी और सामान्य नागरिकों के इलाज में विभेद किया जाता है ? मध्य प्रदेश भाजपा सरकार को तुरंत ये सारा रिकार्ड सार्वजनिक करना चाहिए कि चिरायु हॉस्पिटल में कितने कोरोना मरीजों का इलाज किया गया, उन्हें क्या उपचार दिया गया। नाथ ने कहा कि इससे ज्यादा शर्मनाक बात और कोई नहीं हो सकती कि जब समूचा मानव समाज इस महामारी की विभीषिका में अपने सामाजिक दायित्वों को निभाते हुए सेवा के भाव से काम कर रहा है तब चिरायु हॉस्पिटल अनैतिक रूप से अपने आर्थिक हितों को साधने में लगा है, जिस बात की विस्तृत जाँच की जानी चाहिए।