By अभिनय आकाश | Sep 22, 2022
विदेशों में जॉब पाना ज्यादातर भारतीयों का सपना होता है। लेकिन कई बार इस तरह की खबरें भी आती हैं कि विदेश गए भारतीय कामगारों से सही से व्यवहार नहीं किया गया। लेकिन बीते दिनों 300 भारतीयों को म्यांमार में एक गिरोह द्वारा बंधक बनाये जाने की खबर ने हर किसी को हैरान कर दिया। कहा गया कि अच्छी जॉब का झांसा देकर उनसे हर दिन 15-15 घंटे काम करवाया जा रहा है। जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय हरकत में भी आया। म्यांमार में फंसे 30 भारतीयों को बचाया गया। अब पूरे मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमें इस बात की जानकारी है कि आईटी कंपनियां थाईलैंड में नौकरी के बहाने भारतीय कामगारों की भर्ती करती हैं। जिन्हें म्यांमार ले जाया गया था। हमारे प्रयासों की बदौलत हमने कुछ लोगों को बचाने में मदद की है। हम भारतीय नागरिकों से वहां नौकरी की पेशकश लेने से पहले सावधानी बरतने का आग्रह करते हैं।
जम्मू कश्मीर हमारा आंतरिक मामला
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन की यूएनजीए में कश्मीर पर टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये एक अलग मुद्दा है, हमारी स्थिति सर्वविदित है। जम्मू कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है और हमने अपना विरोध जताया है। यूएनजीए में अन्य देशों द्वारा कश्मीर का संदर्भ मायने नहीं रखता। अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध के तत्काल समाप्ति के लिए बातचीत और कूटनीति के माध्यम से चल रहे संघर्ष को हल करने पर जोर दिया है। पीएम मोदी ने एसीओ की बैठक में जो बाइडन के सामने भी यह दोहराया था। दोनों देशों की अखंडता और संप्रभुता पर भारत स्थिति स्पष्ट रही है।
खालिस्तान जनमत संग्रह हास्यास्पद
कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह एक हास्यास्पद कोशिश है जो कनाडा में चरमपंथी और कट्टरपंथी तत्वों द्वारा आयोजित किया गया था। इस मामले को कनाडा के प्राधिकारियों के साथ उठाया गया था। हमें यह बेहद आपत्तिजनक लगता है कि एक मित्र देश में राजनीति से प्रेरित एक्साइज किए जाते हैं।