Subramaniam Jaishankar Birthday: जिंदगी के 69वें बसंत में पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, जानिए पॉलिटिकल करियर

By अनन्या मिश्रा | Jan 09, 2024

आज यानी की 09 जनवरी को विदेश मंत्री एस जयशंकर अपना 69वां जन्मदिन मना रहे हैं। बता दें कि वह विदेश मंत्री बनने से पहले भारत के विदेश सचिव भी रह चुके हैं। एस जयशंकर पीएम मोदी के फेवरेट डिप्लोमेट्स भी रह चुके हैं। भारतीय विदेश सेवा से रिटायरमेंट के दो दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने उनको विदेश सचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी। वहीं उन्होंने भारत और चीन बीच हुए डोकलाम विवाद को काफी अच्छे से सुलझाया था।


जन्म और शिक्षा

देश की राजधानी दिल्ली में 09 जनवरी 1955 को एस जयशंकर का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम के. सुब्रह्मण्यम और मां का नाम सुलोचना सुब्रह्मण्यम था। उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पूरी की। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। यहां से उन्होंने एमफिल और पीएचडी की पढ़ाई पूरी की। 


करियर

वहीं साल 1977 में वह भारतीय विदेश सेवा में शामिल हो गए। इस दौरान एस जयशंकर ने चीन, अमेरिका और चेक गणराज्य में भारतीय राजदूत के तौर पर काम किया। इस दौरान उनको आईएफएस रहते हुए 38 साल से ज्यादा समय हो चुका है। वहीं साल 2001-04 चेक रिपब्लिक, साल 2007-09 में वह सिंगापुर में उच्चायुक्त, 2009-13 में चीन और 2014-15 में अमेरिका में भारत के राजदूत के तौर पर सेवा दी। इसके अलावा उन्होंने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बातचीत में अहम भूमिका निभाई।


विदेश मंत्री

रिटायरमेंट के बाद एस जयशंकर ग्लोबल कॉर्पोरेट अफेयर्स के अध्यक्ष के तौर पर टाटा संस में शामिल हुए। वहीं 30 मई 2019 को पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल में एस जयशंकर ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। इस दौरान उनको विदेश मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई। कैबिनेट मंत्री के रूप में विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने वाले जयशंकर पहले पूर्व विदेश सचिव है।


पुरस्कार और उपलब्धियां

आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच डोकलाम संकट को समाप्त करने में जयशंकर की अहम भूमिका रही। अरुणाचल प्रदेश में डोकलाम संकट ने इन दोनों देशों को युद्ध के कगार पर ले लिया था। 


एस जयशंकर ने बीजिंग में अपने कार्यकाल के दौरान भारत को सीमा, व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों में चीन के साथ संबंध सुधारने में सहायता की। 


एस जयशंकर चीन में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले भारतीय राजदूत रहे। दोनों देशों के बीच उन्होंने व्यापार, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।


इसके साथ ही उन्होंने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते और अन्य पहलों पर बातचीत कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के साथ मिलकर काम किया। 


साल 2019 में उनको देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया। 


निडरता से रखते हैं अपना पक्ष

विदेश मंत्री के रूप में एस जयशंकर ने विश्वपटल पर निडरता से भारत का पक्ष रखते हुए देखा जा सकता है। यूरोप के दौरे पर उन्होंने आतंकवाद और पाकिस्तान को लेकर अपना पक्ष पूरी दुनिया के सामने रखा। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताया था। इसके साथ ही वह यूरोपीय देश और अमेरिका पर कभी भी तंज कसने से नहीं घबराते हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच से कई बार यूरोप देश और अमेरिका की दोहरी मानसिकता पर और उनकी युद्ध नीतियों पर तीखे सवाल किए। 

प्रमुख खबरें

Honor Magic 7 RSR Porsche Design: 200MP कैमरा और प्रीमियम फीचर्स और स्टाइलिश लुक के साथ Honor Magic 7 RSR लॉन्च, कीमत जानें

पाकिस्तानी गायक Atif Aslam के साथ Honey Singh की पोस्ट ने बढ़ाई हलचल, दोनों साथ करने वाले हैं काम?

Pineapple For Cough । क्या सर्दी में खांसी से परेशान हैं आप? दवाइयों की जगह अनानास खाएं, मिलेगी राहत

स्मिथ का ये हैरतअंगेज कैच देखा? बाउंड्री पर लगाई सुपरमैन जैसी डाइव- Video