By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 24, 2019
रांची। भारतीय जनता पार्टी को झारखंड विधानसभा के सोमवार को आए चुनाव परिणामों में जबर्दस्त हार का सामना तो करना ही पड़ा लेकिन उससे भी बड़ा झटका पार्टी को इस बात का लगा कि पहली बार राज्य विधानसभा में वह सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में भी नहीं उभर सकी और उसे झारखंड मुक्ति मोर्चा के बाद दूसरे नंबर की पार्टी के रूप में संतोष करना पड़ा। झारखंड के 81 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सिर्फ 25 सीटें प्राप्त हुईं जबकि सत्ता हासिल करने वाले झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को कुल 47 सीटें प्राप्त हुईं जिनमें से गठबंधन का नेतृत्व करने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को अकेले 30 सीटें प्राप्त हुई हैं। नये राज्य के निर्माण के बाद झामुमो को पहली बार इतनी अधिक सीटें मिलीं।
झामुमो को 30 सीटें मिलने से राज्य की पांचवीं विधानसभा में अब सबसे बड़ा दल होने का सम्मान सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा को प्राप्त होगा जबकि 25 सीटों के साथ भाजपा विधानसभा में दूसरे नंबर की पार्टी होगी। इससे पहले झारखंड के इतिहास में सदा भाजपा सत्ता में हो या विपक्ष में हो, वह विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी रही है। वर्ष 2000 में जब केन्द्र की वाजपेयी सरकार ने झारखंड को नये राज्य का दर्जा दिया तो बिहार विधानसभा से झारखंड क्षेत्र के विधायकों को अलग कर झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा का निर्माण हुआ क्योंकि बिहार में मार्च, 2000 में विधानसभा चुनाव हो चुके थे।इस प्रकार राज्य की पहली विधानसभा में भी भाजपा के 32 विधायक थे औरवह विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी थी। इसके बाद वर्ष 2005 में विधानसभा के दूसरे चुनावों में एक बार फिर भाजपा ने 30 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी होने का अपना दर्जा बरकरार रखा।
इसे भी पढ़ें: मोदी को लोग देश के लिए चाहते हैं, राज्यों में भाजपा को सशक्त नेतृत्व खड़े करने होंगे
विधानसभा के लिए 2009 में हुए चुनावों में भाजपा नीचे खिसकी लेकिन झामुमो के साथ संयुक्त रूप से 18-18 सीटें हासिल कर वह विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी रही। इन चुनावों में भाजपा को जहां 20 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त हुए वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा को 15.2 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। राज्य में 2014 में चौथी विधानसभा में एक बार फिर भाजपा ने बाजी मारी और उसने 37 सीटें जीतकर न सिर्फ अपने चुनाव पूर्व के सहयोगी आजसू के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी बल्कि वह राज्य विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी भी बनी रही। लेकिन नवंबर-दिसंबर 2019 में राज्य की पंचम विधानसभा के लिए हुए चुनावों में पार्टी की ऐसी स्थिति बनी की 81 में से 79 सीटों पर चुनाव लड़कर भी वह सिर्फ 25 सीटें जीत सकी जबकि उसने इन चुनावों में सर्वाधिक 33.37 प्रतिशत मत हासिल किये।वहीं महज 18.72 प्रतिशत मत प्राप्त कर झामुमो इस बार राज्य विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है।