कोरोना महामारी की दूसरी लहर से भारत का हाल-बेहाल हो गया है। जहां एक तरफ भारत में कोरोना के केस तेजी से बढ़े वहीं ऑक्सीजन की कमी और देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत भी खराब हो गई है। हालात इतने बेकार हो गए है कि अब विदेशों से वैक्सीन और ऑक्सीजन की भारी मात्रा में मदद मिल रही है। देश में अब कोरोना से हालात धीरे-धीरे सुधार आया है लेकिन इस बीच कोरोना से हुई मौतों का आकंड़ा भी काफी तेजी से बढ़ा। किसी ने अपने पिता को खोया तो किसी ने अपनी पति को। मौत का आकंड़ा बताता है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर लोगों के लिए कितनी खतरनाक साबित हुई है। सोचिए, जिनकी शादी को बस 3 महीने ही हुए हो और कोरोना से अपने पति को खो चुकी है, उनका अब कौन ध्यान रखेगा? कौन अब इस दुख की घड़ी में साथ देगा? टीओआई में छपी एक खबर के मुताबिक, 30 वर्षीय रुचि ने 30 मार्च को अपने पति को कोविड के कारण खो दिया। बता दें कि 3 महीने पहले दंपति को अपनी पहली शादी की सालगिरह मनानी थी लेकिन अब वो नहीं हो सकेगा! बता दें कि रूचि ने गणित में एमएससी की डिग्री प्राप्त किया है और पति को खो जाने के बाद अपने घर को चलाने के लिए एक नौकरी की तलाश में है। इसी बीच रूचि को एक आशा की किरण दिखी जब उसने अपने जैसी कोविड विधवाओं की मदद करने के लिए एक ऑनलाइन पहल की।
क्या है यह पहल?
कोविड विडोस covidwidows.in एक ऐसी पहल है, जिसका उद्देश्य उन महिलाओं को सक्षम बनाना है जिन्होंने महामारी के कारण अपने पतियों को खो दिया है। इसके जरिए युवा विधवा नौकरी ढूंढ सकते हैं या अपने पेशेवर कौशल को उन्नत कर सकते हैं। बता दें कि इस पहल के 11 मई को लॉन्च होते ही लगभग 750 कोविड विधवाओं ने पंजीकरण किया है। इसमें पेशेवर रूप से योग्य लोगों से लेकर गृहिणियों तक शामिल है। बता दें कि इस पहल में दुनिया भर से 4,500 से अधिक स्वयंसेवकों ने भी भाग लिया है, और कौशल विकास, भाषण प्रशिक्षण और नौकरियों की सुविधा के रूप में महिलाओं की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।
एक यूएस-आधारित सॉफ्टवेयर फर्म के कंट्री मैनेजर युद्धवीर मोर, जिन्होंने यह पहल शुरू की है ने, टीओआई को बताया कि जब उन्हें अपने एक पूर्व सहयोगी की मृत्यु के बारे में पता चला, जो उनके परिवार में एकमात्र कमाने वाला सदस्य था, तो वह हिल गया। मोर ने कहा, "मैं सोचने लगा - अब उसके परिवार और बच्चों का क्या होगा? मुझे यह भी लगा कि सैकड़ों ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने अपने पति को महामारी से खो दिया है। कौन उनकी मदद करेगा? फिर मैंने अपने कुछ दोस्तों से बात की, पूर्व सहयोगियों और उद्योग के नेताओं के पास पहुंचा, और फैसला किया कि हम इन महिलाओं को उनके पैरों पर वापस लाने में समर्थन करेंगे"।
करीना कपूर भी कर रही इस पहल में मदद!
'TOI के मुताबिक, इस पहल का समर्थन फिल्मस्टार करीना कपूर खान ने भी किया है, जिन्होंने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस पहल को लेकर पोस्ट किया है। करीना ने इस पोस्ट में इस पहल की प्रशंसा करते हुए लिखा, “हम उनके दर्द को समझना भी शुरू नहीं कर सकते जिन महिलाओं ने कोविड महामारी से अपने पति को खो दिया है लेकिन हम उन्हें फिर से अपने पैर पर खड़ा होने पर मदद कर सकते हैं। ” बता दें कि ज़ुओरा, जेनपैक्ट, कैपजेमिनी, पेपाल, वॉलमार्ट और सेलोनिस जैसी बहुराष्ट्रीय फर्मों ने अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप महिलाओं को काम पर रखने का वादा करके इस पहल को समर्थन दिया है।
इस पहल को "एक बड़ी मदद" करार देते हुए, नई दिल्ली की एक मानव संसाधन पेशेवर, दीपाली कालरा, जिन्होंने पिछले साल दिसंबर में अपने पति को खो दिया था, ने कहा कि वर्तमान में निराशाजनक नौकरी बाजार की स्थिति को देखते हुए, पहल द्वारा प्रदान किया गया समर्थन बहुत स्वागत योग्य है। इसी तरह, सुशीला (अनुरोध पर उपनाम), जिसने 5 मई को अपने पति को खो दिया, ने टीओआई को बताया, “एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ नौ साल का काम करने का अनुभव होने और बीई की डिग्री होने के बाद भी, मुझे अपने करियर को फिर से शुरू करने का मौका मिला, जो मैंने 2017 में अपने ससुराल वालों की देखभाल के लिए छोड़ दिया था।”