By प्रिया मिश्रा | Jun 21, 2022
जब भी आप किसी कंपनी में जॉब के लिए अप्लाई करते हैं तो आपसे सबसे पहले आपका सीवी या रेज्यूमे मांगा जाता है। इसमें आपकी पिछली कंपनी में आपकी पोजिशन, आपकी स्किल्स और अनुभव आदि की जानकारी होती है। इसी जानकारी के हिसाब से एंप्लॉयर आगे की प्रक्रिया शुरू करते हैं या रिजेक्ट करते हैं। सीवी में दी गई जानकारी के आधार पर ही एंपलॉयर आपको जज कर पाता है। खुद को दूसरों से अलग बनाने के लिए आपको सिरी को सही फॉर्मेट में बनाना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही आपको अपने सीवी को अपडेटेड भी रखना चाहिए।
आमतौर पर कोई भी उम्मीदवार अपनी बीवी को अपडेट तभी करता है जब वह किसी दूसरी नौकरी की तलाश में होता है। ऐसे में अगर एक नौकरी से दूसरी के बीच अवधि ज्यादा होती है तो सीवी में कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को अपडेट करना छूट जाता है। इसलिए आप अपनी कंपनी में जब भी किसी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा करें तो उसे उसी समय अपने सीवी में जरूर अपडेट कर लें।
आप जिस भी प्रोजेक्ट के बारे में अपने सीवी में जिक्र कर रहे हैं, उसे पूरा करते वक्त आपको क्या कठिनाई आई इसका जिक्र जरूर करें। इससे एंप्लॉयर को यह विश्वास मिलेगा कि आप काम करते समय सिर्फ कंफर्ट जोन नहीं तलाशते हैं। इसके साथ ही, प्रोजेक्ट पर कितने लोगों ने क्या काम किया और आपकी क्या भूमिका रही इसकी जानकारी भी सीवी में जरूर दें।
अधिकतर लोगों को रेज्यूमे और सीवी के बीच अंतर नहीं मालूम होता है। आपको बता दें कि रेज्यूमे अधिकतम 2 पन्नों का होता है वहीं सिविल अधिकतम 5 पन्ने का होता है। इसलिए कंपनी आपसे जो मांगे, वही भेजें।
सीवी आमतौर पर ऑफिसर लेवल का होता है। इसमें सब कुछ डिटेल में लिखा होता है। वहीं, रेज्यूमे आमतौर पर शुरुआती नौकरियों के लिए होता है। इसमें स्किल्स, क्वालिफिकेशन आदि की जानकारी संक्षिप्त में लिखी होती है। अधिकांश इंटरव्यू के लिए एंप्लॉयर्स सीवी ही मांगते हैं।
- प्रिया मिश्रा