जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि कश्मीर में बिगड़ रहे हालात को काबू में करने के लिए पक्षकारों से बातचीत करने के लिहाज से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संवेदनशील और विचार की मुद्रा में दिखे। महबूबा ने हालांकि चेताया कि बातचीत के लिए ‘‘माहौल तैयार करने की जरूरत है।’’ प्रधानमंत्री के आवास पर 20 मिनट तक चली बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पथराव और गोलियों की आवाजों के बीच बातचीत नहीं हो सकती।’’
मोदी से मुलाकात के दौरान महबूबा ने कश्मीर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नीति का जिक्र किया और कहा कि डोर के सिरे को वहीं से पकड़ना चाहिए जहां पर वह छूटी थी। यह जाहिर रूप से अलगाववादियों से बातचीत का सुझाव था। महबूबा ने मोदी के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हालात सामान्य होने के बाद प्रधानमंत्री की बातचीत की मंशा है।’’ श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र में नौ अप्रैल को हुए उपचुनाव के बाद कश्मीर बढ़ती हिंसा की चपेट में है। रोजाना विरोध प्रदर्शनों और पथराव की घटनाओं से सुरक्षा बल भी गहरे तनाव में हैं। उकसावे के बावजूद संयम रखने के लिए सेना और सीआरपीएफ के जवानों की प्रशंसा की गई तो वहीं दूसरी तरफ एक व्यक्ति को जीप में मानव ढाल के रूप में बांधने के लिए सेना को तीखी आलोचना का भी सामना करना पड़ा। महबूबा ने कहा, ‘‘आप कितने लंबे समय तक टकराव कर सकते हैं, बातचीत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बहरहाल बातचीत के लिए वातावरण तैयार किए जाने की जरूरत है।’’ महबूबा ने कहा, ‘‘हुर्रियत कान्फ्रेंस के साथ बातचीत तब भी हुई थी जब अटल जी प्रधानमंत्री थे और एलके आडवाणी जी उप प्रधानमंत्री। हमें वहां से शुरू करने की जरूरत है जहां से वाजपेयी जी ने छोड़ा था। बातचीत ही एकमात्र विकल्प है।’' घाटी में पथराव की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां कुछ युवा हैं जिन्हें ‘भ्रमित’ किया गया। वहीं कुछ को व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए उकसाया जा रहा है।
बैठक के दौरान कश्मीर में सुरक्षा स्थिति के तौर-तरीके पर पीडीपी और भाजपा गठबंधन में आए तनाव पर भी चर्चा हुई। गठबंधन में तनाव तब भी आया जब हाल में हुए एमएलसी चुनावों में एक निर्दलीय विधायक ने भाजपा उम्मीदवार विक्रम रंधावा के पक्ष में मतदान किया था। चुनाव में पीडीपी यह सीट हार गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘जो भी हुआ वह नहीं होना चाहिए था। लेकिन यह अंदरूनी मामला है और हम भाजपा के साथ इसे सुलझा लेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर मंगलवार को एकीकृत कमान के साथ बैठक में विचार किया जाएगा। महबूबा ने सिंधु नदी जल समझौते का भी मुद्दा उठाया और कहा कि इससे राज्य को 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। महबूबा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इससे राज्य की भरपाई कैसे हो सकेगी यह देखने का प्रयास किया जाएगा।