By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 18, 2018
मुंबई। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस समय बाजार के अच्छे हालातों के बावजूद कंपनियों के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की धीमी गति पर चिंता व्यक्त की है। उसने आईपीओ के बारे में सलाह और उनका प्रबंध करने वाले निवेश बैंकरों को शेयर मूल्य निर्धारित करते समय और अधिक सावधानी से आकलन करने की जरूरत पर बल दिया है ताकि अधिक निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।
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सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने मंगलवार को यहां कहा कि सेबी ने 2018 में 60,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को मंजूरी दी। लेकिन उनमें से कई ने अभी तक उसे बाजार में पेश नहीं किया है। अक्टूबर के अंत तक 24 कंपनियों ने आईपीओ से मात्र 30,959 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
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प्राइम डाटाबेस के आंकड़ों के अनुसार पिछला साल आईपीओ लिए बेहतर रहा था। पिछले साल 120 कंपनियों ने 67,147.4 करोड़ रुपये का कोष जुटाया था। इसी एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार करीब 40 कंपनियों के पास 60,000 करोड़ रुपये तक आईपीओ लाने की अनुमति है लेकिन इनमें से अभी तक किसी भी कंपनी में आईपीओ लाने की जल्दबाजी नहीं दिखती।
इस मामले में कीमत तय करने के बारे में पूछे जाने पर त्यागी ने कहा कि निवेशक बैंकरों को इस काम में और मेहनत करने के लिए कहा ताकि जो कीमत तय की जाए वह उनके और निवेशकों दोनों के लिए अनुकूल हो। सेबी प्रमुख ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य के मुकाबले घरेलू बाजार की हालत बेहतर है। बुनियादी वृहद आर्थिक ढांचा स्थिर है और रुपये में गिरावट भी थमी है।