By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 07, 2024
नयी दिल्ली। रोजमर्रा के उपभोग वाले उत्पाद (एफएमसीजी) क्षेत्र में अनिश्चित कारोबारी परिदृश्य की वजह से इस साल सितंबर तिमाही तक ‘धीमी’ रफ्तार से वृद्धि होने का अनुमान है। डेटा एवं सलाहकार फर्म कांतार वर्ल्डपैनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि क्षेत्र में अनिश्चितता बनी रहने से मांग पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा आगामी आम चुनावों से भी एफएमसीजी उत्पादों की खपत बढ़ने की संभावना नहीं दिख रही है। हालांकि, कांतार ने उम्मीद जताई है कि सितंबर तिमाही के बाद एफएमसीजी क्षेत्र की वृद्धि ‘उत्तरोत्तर’ बेहतर होगी।
दूसरी छमाही में रबी की अच्छी फसल होने पर यह साल भी अच्छा साबित हो सकता है। रिपोर्ट कहती है कि गर्मियों से संबंधित कुछ श्रेणियों और कपड़े धोने के उत्पाद भी उद्योग को कुछ हद तक समर्थन देंगे। हालांकि, इन श्रेणियों में संयुक्त वृद्धि का समग्र एफएमसीजी पर प्रभाव नगण्य ही रहेगा। ऐसी स्थिति में साल 2024 की तीसरी तिमाही तक एफएमसीजी की वृद्धि कम होने का अनुमान है। पिछले साल की पहली छमाही के मजबूत प्रदर्शन की वजह से इस साल की पहली छमाही में एफएमसीजी की वृद्धि स्थिर भी रह सकती है।
हालांकि, उसके बाद हालात धीरे-धीरे बेहतर होते जाएंगे। जहां तक 2024 के चुनावी साल होने से मांग बढ़ने की संभावना का सवाल है तो इस रिपोर्ट में इससे इनकार किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चुनावी वर्षों में एफएमसीजी में कोई उछाल नहीं देखा गया था। मुफ्त सुविधाओं की घोषणा से बिक्री में ठहराव या संकुचन ही रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक, चुनावी साल 2009 में उपभोग वृद्धि 0.7 प्रतिशत थी जबकि 2014 में यह स्थिर थी और 2019 के साल में यह नकारात्मक रही थी।