लीमा। संयुक्त राष्ट्र बाल राहत कोष (यूनीसेफ) ने चेतावनी दी है कि पेरू में बाढ़ और मिट्टी धंसने की घटना के बाद हजारों बच्चों के कुपोषित होने का खतरा मंडरा रहा है। इस आपदा में 106 लोग मारे गए हैं और बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए है। यूनीसेफ की प्रतिनिधि मारिया ल्यूसा फोरनारा ने बुधवार को कहा कि बाढ़ प्रभावित इस क्षेत्र में दो साल से कम उम्र के 15 हजार बच्चों को पर्याप्त भोजन नसीब नहीं हो रहा है। फोरनारा ने कहा, ‘‘एक बच्चे को यदि पर्याप्त भोजन नहीं मिलता या वह भोजन नहीं करता तो वह तत्काल कुपोषित हो सकता है।’’
पेरू तट से लगे प्रशांत महासागर के गर्म होने से यहां अनेक भीषण तूफान आए जिन्हें अधिकारी दो दशक में सबसे खराब पर्यावरणीय आपदा मान रहे हैं। बाढ़ और मिट्टी धंसने से हजारों मकान ध्वस्त हो गए, सड़के और पुल क्षतिग्रस्त हो गए तथा कृषि योग्य भूमि तबाह हो गई है। यूनीसेफ कर्मचारी ने कहा कि बेघर हुए परिवार शरणस्थलों तथा टेंट में रह रहे हैं। इन हालत में श्वसन तथा पाचन से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं और बच्चे ‘‘पहले बीमार होते हैं’’।
देशभर में करीब 15 प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। और बाढ़ प्रभावित अनेक क्षेत्रों में यह संख्या और अधिक है। उदाहरण के तौर पर पियूरा में 20 प्रतिशत बच्चों को कुपोषित माना जा रहा है। पेरू के राष्ट्रपति के अनुमान के मुताबिक पांच वर्ष में देश के पुनर्निर्माण में नौ अरब डालर का खर्च आएगा। मानवीय संगठन अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तीन करोड़ 38 लाख डालर दान देने की मांग कर रहे हैं जिसमें कुपोषण से निबटने और बच्चों की बेहतरी के लिए 80 लाख डॉलर शामिल है।