बेंगलुरु।
कर्नाटक के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बनने और भूस्खलन होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के मलनाड, तटीय और उत्तर आंतरिक क्षेत्रों में कई स्थान बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों की अधिकतर नदियों का जलस्तर बढ़ गया हैं, वहीं कोडागु और चिक्कमगलुरु के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के कारण भूस्खलन की खबरें आ रही हैं। बेलगावी जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में
बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है वहीं महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में हुई बारिश और वहां के बांधों से पानी छोड़े जाने से कृष्णा नदी और उसकी सहायक नदियों के जल स्तर में वृद्धि हुई है। लगातार हो रही बारिश से जिले के निचले इलाकों और कृषिभूमि को भी नुकसान पहुंच रहा है।
उत्तर कन्नड़ और शिवमोग्गा जिलों में भी नदियों में उफान के कारण निचले इलाकों की बाढ़ जैसी स्थिति है। राज्य में अलमट्टी और कबीनी सहित कई बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। होसपेट में तुंगभद्र बांध टूटने की स्थिति में पहुंच गया है। कोडागु में बोटलप्पा, चिक्कमगलुरु और दक्षिण कन्नड़ के पास चर्मड़ी घाट सहित कई जगहों पर भूस्खलन की खबरें आई हैं। जिला प्रभारी मंत्री वी सोमन्ना बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित कोडागु का दौरा करने पहुंचे हैं। कावेरी नदी अपने उफान पर है और इसका पानी भागमंगल मंदिर में घुस गया है। एनडीआरएफ टीम बुधवार रात ब्रह्मगिरि पहाड़ी पर हुए भूस्खलन में लापता हुए तालकावेरी के पुजारी सहित पांच लोगों को खोजने का प्रायास कर रही है। खराब मौसम और भारी बारिश से परिचालन प्रभावित हो रहा है।
कोडागु में कुशालनगर में निचले इलाकों में रहने वाले निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। जिले में अब तक तीन राहत केंद्र खोले गए हैं और प्रभावित लोगों को वहां स्थानांतरित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने आपातकालीन राहत के लिए 50 करोड़ रुपये जारी किए हैं। उन्होंने प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत के रूप में 10,000 रुपये, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के लिए पांच लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए क्षति को देखते हुए राहत वितरित करने को कहा है।। मुख्यमंत्री ने जिलों के प्रभारी मंत्रियों को राज्य भर में भारी बारिश के मद्देनजर एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया है और अपने जिलों में रहने और क्षतिग्रस्त इलाकों का दौरा करने को कहा है।