Prajatantra: चुनावी राज्यों में वादों की बैछार, किसकी नैया होगी पार और कौन फंसेगा बीच मझधार?

By अंकित सिंह | Oct 13, 2023

पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना शामिल है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए पिछले कई महीनो से राजनीतिक दलों की ओर से योजनाओं, वादों और इरादों का बौछार किया जा रहा है। हालांकि, परियोजनाओं और शिलान्यासों पर आचार संहिता लागू होने के बाद रोक लग गई है। लेकिन कहीं ना कहीं जनता को लुभाने के लिए वादे तमाम किए जा रहे हैं। आज हम आपको राजनीतिक दलों की ओर से किया जा रहे हैं कुछ बड़े वादों के बारे में बताने जा रहे हैं। 


राजस्थान
कांग्रेस सरकार

इस साल की शुरुआत में, अशोक गहलोत सरकार ने प्रति परिवार 25 लाख रुपये का कवर प्रदान करने वाली चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना शुरू की। महंगाई कम करने के लिए सरकार ने रसोई गैस सिलेंडर पर अतिरिक्त सब्सिडी की घोषणा की है। इसके अलावा, राज्य प्रत्येक घर के लिए 200 यूनिट तक और किसानों के लिए 2,000 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करता है। गहलोत ने राशन की दुकानों के माध्यम से एक करोड़ से अधिक लोगों को दाल, चीनी, नमक और तेल के मुफ्त पैकेट वितरित करने के लिए मुफ्त अन्नपूर्णा भोजन पैकेट योजना शुरू की। अगस्त में, सरकार ने महिलाओं को तीन साल तक मुफ्त इंटरनेट के साथ मुफ्त स्मार्टफोन देने के लिए इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना शुरू की। इसमें एक महीने में 40 लाख फोन बांटने का दावा किया गया है। 


बीजेपी

इसका फोकस केंद्रीय योजनाओं और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर है। पीएम मोदी ने जोर देते हुए कहा कि अगर बीजेपी चुनी गई तो हर गरीब परिवार को पक्का घर और नल कनेक्शन मिलेगा। मोदी ने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। इस महीने की शुरुआत में राजस्थान की दो यात्राओं में, प्रधान मंत्री ने लगभग 10,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया, जिसमें एम्स परिसर और जोधपुर में एक नया हवाई अड्डा टर्मिनल, राज्य भर में लगभग 3,000 करोड़ रुपये की सड़क विकास परियोजनाएं शामिल थीं। 4,500 करोड़ रुपये की मेहसाणा-बठिंडा-गुरदासपुर गैस पाइपलाइन और आबू रोड में एक एलपीजी संयंत्र भी इसमें शामिल है। 


मध्य प्रदेश
भाजपा सरकार

शिवराज सिंह चौहान सरकार ने महिलाओं के लिए योजनाओं पर फोकस किया है। इसका प्रमुख कार्यक्रम, 'लाडली बहना योजना' अब 21 से 60 वर्ष की आयु की उन महिलाओं को 1,250 रुपये प्रति माह प्रदान करती है, जिनकी पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम है। चौहान ने कहा कि इसे बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिया जाएगा। अक्टूबर में, सरकार ने महिलाओं के लिए 450 रुपये में सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की घोषणा की। हाल ही में, चौहान ने कुछ सरकारी नौकरियों में 35% महिलाओं के लिए आरक्षित करने की भी घोषणा की। इस महीने की शुरुआत में राज्य में पीएम द्वारा उद्घाटन और शिलान्यास की गई परियोजनाओं में 11,895 करोड़ रुपये की दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेसवे, कम से कम छह जिलों में पीने का पानी लाने के लिए जल जीवन मिशन परियोजनाओं के लिए 4,000 करोड़ रुपये से अधिक, सड़क विकास में 4,800 करोड़ रुपये और 1,750 करोड़ रुपये की विजयपुर-औरैया-फूलपुर गैस पाइपलाइन शामिल है। सितंबर में, मोदी ने एक ही दिन में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी, जिसमें बीना में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स और 10 अन्य औद्योगिक परियोजनाएं शामिल थीं। 


कांग्रेस

महंगाई कम करने पर जोर रहा। 5 गारंटी पर पूऱी तरह से कांग्रेस ने फोकस किया जिसमें 500 रुपये में सिलेंडर देने 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली और महिलाओं के लिए 1,500 रुपये मासिक भत्ते की बात है। किसानों के लिए कृषि ऋण माफी मुफ्त बिजली, कृषि इनपुट के लिए सब्सिडी भी शामिल है। कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का वादा किया है। पार्टी की ओर से छात्रों को भी साधने की कोशिश हो रही है। 



छत्तीसगढ़

कांग्रेस सरकार

भूपेश बघेल सरकार ने अपनी हालिया योजनाओं को किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों पर केंद्रित किया है, जिसमें राजीव गांधी किसान न्याय और गोधन न्याय योजना शामिल हैं। भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार खरीफ धान उगाने वाले 23 लाख किसानों को इनपुट सब्सिडी प्रदान कर रही है। यह पशुपालकों, स्वयं सहायता समूहों और अन्य लोगों से गोबर भी प्राप्त कर रहा है। कृषि और मजदूरी करने वाले भूमिहीन ग्रामीण परिवारों को सरकार प्रति वर्ष 7,000 रुपये प्रदान कर रही है।  राज्य सरकार ने बेघर और कच्चे घरों वाले ग्रामीण परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक ग्रामीण आवास योजना शुरू की। 

 

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बीजेपी

संविदा सरकारी कर्मचारियों को नियमित करने के अलावा, भाजपा ने अभी तक कोई बड़ा वादा नहीं किया है, अपने अभियान के प्रयासों को लोक सेवा आयोग में भर्ती अनियमितताओं सहित मौजूदा सरकार में कथित भ्रष्टाचार पर केंद्रित किया है। इस महीने की शुरुआत में, पीएम ने 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिसमें बस्तर जिले में एक नया राष्ट्रीय खनिज विकास निगम संचालित इस्पात संयंत्र भी शामिल था। उन्होंने कांकेर जिले के ताडोकी और रायपुर के बीच एक नए रेल कनेक्शन और छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 43 के उन्नयन को भी हरी झंडी दिखाई।


तेलंगाना; 
बीआरएस सरकार

सरकार कई नई योजनाएं बनाने के बजाय 2018 के चुनावों में किए गए वादों को पूरा करने की कोशिश कर रही है। आगामी चुनावों के घोषणापत्र में किसानों और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हाल के महीनों में जिन प्रमुख वादों को पूरा करना शुरू किया गया है उनमें शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों के लिए दो बेडरूम वाले घर बनाना शामिल है। ऋण माफी को लेकर बीआरएस सरकार काम कर रही है। बीआरएस सरकार की हाल ही में शुरू की गई योजनाओं में एससी/एसटी/ओबीसी श्रेणियों में महिलाओं को 3 लाख रुपये का एकमुश्त अनुदान प्रदान करने के लिए गृह लक्ष्मी कार्यक्रम शामिल है। एक विकलांगता पेंशन है, जिसे 1,000 रुपये प्रति माह बढ़ाकर 4,016 रुपये कर दिया गया है।


कांग्रेस

पार्टी का पूरा फोकस महिला, किसान और गरीबों पर है। यहां भी पार्टी की ओर से पांच गारंटी की बात की जा रही है जिसमें महिलाओं के लिए 2,500 रुपये का मासिक भत्ता, 500 रुपये प्रति गैस सिलेंडर, महिलाओं के लिए मुफ्त परिवहन, किसानों के लिए 15,000 रुपये प्रति वर्ष और खेतिहर मजदूरों के लिए 12,000 रुपये, प्रति माह 200 यूनिट मुफ्त बिजली और बुजुर्गों के लिए 4,000 रुपये की मासिक पेंशन शामिल है। 


बीजेपी

भाजपा के प्रमुख वादों में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना और 900 करोड़ रुपये का समक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय शामिल है। जिस राज्य में बीजेपी की मौजूदगी कम है, वहां पीएम ने इस महीने की शुरुआत में दो दौरों के दौरान 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है। भाजपा यहां केंद्र सरकार के कामकाज को लोगों के समक्ष पेश कर रही है। 

 

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इन सबके अलावा देखें तो भाजपा जहां मोदी मैजिक के रथ पर सवार होने की उम्मीद कर रही है तो वहीं इन राज्यों में कांग्रेस जातीय जनगणना का भी मुद्दा उठा रही है। कुल मिलाकर देखें तो चुनावी लड़ाई दिलचस्प है। लेकिन जनता को अपने पाले में करने में किसे कामयाबी मिलती है यह तो 3 तारीख को ही पता चल पाएगा। यही तो प्रजातंत्र है। 

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