By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 09, 2017
वित्त मंत्री अरूण जेटली फंसे कर्ज में वृद्धि, ब्याज दर में कटौती तथा विभिन्न क्षेत्रों को ऋण प्रवाह के बारे में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के साथ 12 जून को बैठक करेंगे। वह बैंकों के कामकाज की समीक्षा भी करेंगे। बैंक विनियमन कानून, 1949 में संशोधन के लिये पिछले महीने जारी अध्यादेश के बाद इस प्रकार की यह पहली बैठक है। सरकार ने इस अध्यादेश के जरिये रिजर्व बैंक को शोधन तथा फंसे कर्ज की वसूली करने की कार्यवाही शुरू करने के लिये बैंकों को निर्देश देने का अधिकार दिया गया है।
वित्त मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा, ‘‘बैठक के एजेंडे में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) से संबंधित मुद्दों का समाधान, एमएसई ऋण की स्थिति, स्टैंड अप इंडिया तथा मुद्रा योजना समेत अन्य मुद्दे शामिल हैं।’’ इसके अलावा एजेंडे में वित्तीय समावेश तथा साक्षरता, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना समेत अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा शामिल है।
पूरे दिन चलने वाली बैठक में साइबर सुरक्षा, बैंक लेन-देन का डजिटलीकरण, ग्रामीण विकास, कृषि ऋण तथा शिक्षा ऋण जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन में बैंकों की भूमिका और तैयारी पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। जीएसटी एक जुलाई से लागू होने वाला है। उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का फंसा कर्ज वित्त वर्ष 2016-17 में अप्रैल-दिसंबर के दौरान एक लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़कर 6.06 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।