By अंकित सिंह | Jun 07, 2022
महाराष्ट्र में 6 सीटों के लिए राज्यसभा के चुनाव होने हैं। लेकिन भाजपा ने इस बार तीन उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारकर महाराष्ट्र के राज्यसभा चुनाव को बेहद रोचक बना दिया है। भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तथा अनिल सुखदेवराव के अलावा धनंजय महादिक को उम्मीदवार बनाया गया है। पीयूष गोयल और अनिल सुखदेवराव आसानी से चुनाव जीत जाएंगे। लेकिन धनंजय महादिक को जीत के लिए शिवसेना उम्मीदवार से मुकाबला करना होगा। शिवसेना ने 2 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है। शिवसेना की ओर से संजय राऊत और संजय पवार चुनावी मैदान में है। छठे सीट पर धनंजय महादिक और संजय पवार के बीच मुकाबला होना है। ऐसे में महाराष्ट्र में 10 जून को राज्यसभा का चुनाव होने जा रहा है। 1998 के बाद यह ऐसा पहला मौका होगा जब राज्य में राज्यसभा के लिए मतदान होंगे।
यह है समीकरण
106 विधायकों वाली भाजपा आसानी से पीयूष गोयल और अनिल सुखदेवराव को राज्यसभा भेजने में कामयाब हो जाएगी। एक उम्मीदवार को जिताने के लिए 42 वोटों की आवश्यकता है। भाजपा के पास 106 के अलावा सात निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। दो उम्मीदवारों को जिताने के लिए भाजपा के सिर्फ 84 वोट खर्च होंगे। जबकि उसके पास 29 वोट मौजूद रहेंगे। यही कारण है कि भाजपा ने तीसरे उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया है। भाजपा को इस बात की उम्मीद है कि राज्य में निर्दलीय तथा छोटे दलों के विधायकों से समर्थन मिल सकता है। फिलहाल ऐसे विधायकों की संख्या महाराष्ट्र में 25 से और इन्हीं विधायकों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में भाजपा जुट गई है। रेल मंत्री और महाराष्ट्र में 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पर्यवेक्षक अश्विनी वैष्णव ने रविवार को राज्य के भाजपा नेताओं के साथ बैठक की।
विपक्ष का दाव
एनसीपी ने प्रफुल्ल पटेल को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी को मैदान में उतारा है। छठी सीट पर मुकाबला बीजेपी के महादिक और शिवसेना के संजय पवार के बीच है। भाजपा का दावा है कि वह छठे सीट पर आसानी से जीत हासिल करेगी। शिवसेना के पास 55, एनसीपी के पास 52 जबकि कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। वर्तमान में देखे तो महाराष्ट्र में एक उम्मीदवार के जीतने के लिए 42 वोटों की आवश्यकता है। महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के तीन-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और अनुरोध किया कि उनकी पार्टी अपने तीसरे उम्मीदवार को वापस ले ले। लेकिन भाजपा तीसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारने पर अड़ी रही और फडणवीस ने राज्य में तीन दलों के गठबंधन को जवाबी प्रस्ताव दिया।