By अनन्या मिश्रा | Sep 11, 2024
शुभ योग और राजयोग
धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक सोमवार के दिन अनुराधा नक्षत्र में मध्यकाल यानी दोपहर के समय देवी राधा का जन्म हुआ था। 11 सितंबर यानी की आज सुबह 11:30 मिनट तक भद्रा रहेगा। इसलिए भद्रा के बाद दोपहर 12 बजे राधा रानी की पूजा-अर्चना करें।
पूजा विधि और मंत्र
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहनें और फिर पूजा स्थल पर राधा रानी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद श्रीराधा को चंदन, अक्षत, गुलाब के फूल और धूप-दीप अर्पित करें। राधा रानी के साथ श्रीकृष्ण की भी पूजा-अर्चना करें। वहीं देवी राधा को तुलसी अतिप्रिय है। इसलिए माखन-मिश्री और विभिन्न मिठाइयों का भोग लगाएं और उसमें तुलसी दल अवश्य शामिल करें। पूजा के अंत में व्रत कथा पढ़ें या सुने और आरती करें। राधा अष्टमी के दिन श्रीराधा की पूजा करने से जीवन में शांति, प्रेम, सुख और समृद्धि आती है।
मंत्र
'ॐ राधायै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि तन्नो राधा प्रचोदयात्'
'राधे राधे जय जय राधे, राधे राधे जय जय राधे।'
देवी राधा के इन मंत्रों का 108 बार जप करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता आती है और जातक को राधा-कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
जरूर करें ये कार्य
राधा अष्टमी के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न और धन का दान करना चाहिए। इससे आपके सभी कष्टों का निवारण होगा और साथ ही जातक पर राधा रानी की कृपा बनी रहती है।