By अनन्या मिश्रा | Aug 21, 2023
आज यानी की 21 अगस्त 2023 को नाग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस पर्व की बेहद मान्यता होती है। वहीं सावन का महीन भगवान शिव को अतिप्रिय होता है। इस महीने में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। आपने देखा होगा कि भगवान शिव के गले में नाग लिपटा रहता है। इसलिए नागों को भी हिंदू धर्म में पूज्य माना गया है। भगवान शिव को नाग काफी प्रिय होते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा-आराधना करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। नाग पंचमी के मौके पर प्रमुख नाग मंदिरों में नाग देवता की पूजा होती है। वहीं जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है। वह नाग पंचमी के मौके पर इस दोष से मुक्ति पाने के लिए उपाय करते हैं। बता दें कि इस बार बहुत शुभ योग में नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। आइए जानते हैं नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में...
शुभ मुहूर्त और तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है। इस साल 21 अगस्त 2023, सोमवार को यह त्योहार मनाया जाएगा। 21 अगस्त 2023 की मध्य रात्रि 12:21 मिनट से नाग पंचमी की तिथि शुरू हो जाएगी। वहीं अगले दिन 22 अगस्त को रात 02:00 बजे तिथि समाप्त हो जाएगी। इस दिन भगवान भोलेनाथ और नाग देवता की पूजा का विधान होता है। ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05:53 मिनट से सुबह 08:30 मिनट तक निर्धारित किया गया है।
नाग पंचमी पर शुभ योग
बता दें कि इस साल नाग पंचमी के मौके पर काफी अच्छा और शुभ संयोग होता है। इसके अलावा यह सोमवार सावन का आठवां सोमवार होगा। इस दिन दो शुभ योग का निर्माण हो रहा है। 21 अगस्त को सुबह से लेकर रात 09:04 मिनट तक शुभ योग रहेगा। इसके बाद शुक्ल योग की शुरूआत होगी। नाग पंचमी के पर्व पर सुबह 11:55 मिनट से लेकर दोपहर 12:35 मिनट कर अभिजीत मुहूर्त होगा।
नाग पंचमी का महत्व
नाग पंचमी के पर्व पर नाग देवता की विशेष पूजा करने का महत्व होता है। नाग पंचमी पर्व पर सांपों से अपने परिवार की रक्षा करने के लिए नाग देवता की पूजा की जाती है। इस दिन नाग मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। वहीं उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर साल में सिर्फ एक बार यानी की नाग पंचमी के दिन खुलता है। मान्यता के अनुसार, जो भी भक्त इस दिन यहां पर नाग देवता की पूजा-अर्चना करता है। उसके सिर से कालसर्प दोष खत्म हो जाता है। इस दिन अनंत, तक्षक, कालिया और वासुकि समेत सभी नागों की पूजा की जाती है।