By अनन्या मिश्रा | Nov 11, 2023
धनतेरस पर्व के बाद से दिवाली का उत्सव शुरू हो जाता है। धनतेरस के बाद छोटी दिवाली व काली चौदस मनाया जाता है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को प्रदोष काल में छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस दिन यम का दीपक जलाया जाता है। वहीं रात के समय काली चौदस और हनुमान जी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन नरक चतुर्दशी भी मनाई जा रही है। तो आइए जानते हैं काली चौदस पर पूजा और यम दीपक जलाने का शुभ मुहूर्त क्या है।
छोटी दिवाली 2023
हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस साल यह पर्व आज यानी की 11 नवंबर 2023 को मनाया जा रहा है। चतुर्दशी तिथि की शुरूआत 11 नवंबर शनिवार को दोपहर 01:57 मिनट हो रही है। वहीं इस तिथि की समाप्ति 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02:44 मिनट पर होगी। प्रदोष काल होने के कारण 11 नवंबर को छोटी दिवाली मनाई जा रही है।
बन रहे शुभ योग
बता दें कि इस साल छोटी दिवाली के मौके पर 3 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। सुबह के समय प्रीति योग बन रहा है। जो शाम को 04:59 मिनट तक रहेगा। इसके बाद आयुष्मान योग अगले दिन यानी की रविवार शाम 04:25 बजे तक रहेगा। वहीं 11 नवंबर को देर रात 01:47 मिनट से अगले दिन सुबह 06:52 मिनट तक सर्वाथ सिद्धि योग बन रहा है।
यम दीपक जलाने का समय
नरक चतुर्दशी 11 नवंबर को मनाई जा रही है। आज शाम को 05:32 मिनट पर सूर्यास्त होगा। जिसके साथ ही प्रदोष काल भी शुरू हो जाएगा। वहीं शाम 05:32 मिनट से आप यम दीपक जला सकते हैं तेल का चौमुखा दीपक मृत्यु के देवता यमराज के लिए जलाया जाता है और इस दीपक को दक्षिण दिशा में रखा जाता है। कई स्थानों पर नाली के पास या फिर घर के मुख्य द्वार के पास दक्षिण दिशा में यम के दीपक को रखते हैं।
काली चौदस 2023 पूजा मुहूर्त
इस साल आज यानी की 11 नवंबर को काली चौदस मनाया जा रहा है। आज के दिन मां पार्वती के उग्र स्वरूप यानी की काली रूप की पूजा की जाती है। रात के समय मां काली की पूजा की जाती है। मां काली की कृपा से नकारात्मकता दूर होती है और शत्रुओं पर विजय सुनिश्चित होती है। काली चौदस पर मां काली के पूजा का मुहूर्त रात 11:45 मिनट से शुरू होकर देर रात 12:39 मिनट तक है। आज 53 मिनट काली पूजा के लिए शुभ हैं।
काली चौदस महत्व
मां काली को उग्र स्वभाव वाली देवी माना गया है। उन्होंने संसार की रक्षा के लिए अनेक दुष्टों का वध किया था। मान्यता के मुताबिक काली चौदस के मौके पर मां काली की विशेष पूजा से लंबे समय से चली आ रही बीमारी दूर होती है। इसके साथ ही काले जादू के प्रभावों का नाश होता है। राहु-शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए मां काली की पूजा अचूक मानी जाती है। बता दें कि काली चौदस में रात को काली चालीसा का पाठ करने से बिजनेस व नौकरी ने आने वाली परेशानियों का अंत होता है।