By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 04, 2023
नयी दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर उर्वरकों की उपलब्धता में कमी तथा उर्वरकों एवं इसके कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि हुई है लेकिन उसने राजसहायता (सब्सिडी) में वृद्धि करके उचित कीमतों में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की है। लोकसभा में प्रीतम गोपीनाथ मुंडे और राहुल रमेश शेवाले के प्रश्न के लिखित उत्तर में रसायन एवं उर्वरक मंत्री डा. मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी।
सदस्यों ने पूछा था कि क्या यूक्रेन में युद्ध का कृषि उर्वरकों की वैश्विक आपूर्ति पर व्यापक प्रभाव पड़ा है जिससे विश्व भर में खाद्य सुरक्षा संभावित रूप से कम हो गई है। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, ‘‘ रूस-यूक्रेन युद्ध के परिणामस्वरूप वैश्विक स्तर पर उर्वरकों की उपलब्धता में कमी तथा उर्वरकों एवं इसके कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि हुई है। फिर भी भारत सरकार ने राजसहायता की मात्रा में वृद्धि करके उचित कीमतों में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की है।’’
उन्होंने बताया कि 2021-22 में उर्वरकों की राजसहायता पर 1,57,640.09 करोड़ रुपये व्यय किए गए थे जो 2022-23 में बढ़कर 2,54,798.93 करोड़ रुपये हो गए। रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक करारों और संयुक्त उद्यमों को भी सुगम बनाया है। मांडविया ने बताया कि वर्तमान में यूरिया की लागत 5,911 रुपये प्रति मीट्रिक टन है जबकि पाकिस्तान में यूरिया की लागत 63,166 रुपये प्रति मीट्रिक टन (अगस्त 2022), चीन में 42,524 रुपये प्रति मीट्रिक टन (अगस्त 2022) और बांग्लादेश में 12,551 रुपये प्रति मीट्रिक टन (अगस्त 2022) है।