By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 11, 2024
ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा रविवार से यहां शुरू होने वाली राष्ट्रीय फेडरेशन कप एथलेटिक्स प्रतियोगिता में आकर्षण का केंद्र होंगे लेकिन कई अन्य शीर्ष खिलाड़ियों की अनुपस्थिति के कारण चार दिन तक चलने वाली इस प्रतियोगिता की चमक थोड़ी काम हो गई है। यहां 26 वर्षीय खिलाड़ी तीन साल बाद पहली बार किसी घरेलू प्रतियोगिता में हिस्सा लेगा।
इससे पहले चोपड़ा ने फेडरेशन कप में ही 21 मार्च 2021 को भाग लिया था और तब उन्होंने 87.80 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता था। वह 2022 में डायमंड लीग और 2023 में विश्व चैंपियन बने। उन्होंने चीन में एशियाई खेलों में अपने खिताब का भी बचाव किया था। चोपड़ा ने इस बीच डायमंड लीग के तीन व्यक्तिगत चरण भी जीते और 2022 में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया।
यह भारतीय खिलाड़ी हालांकि अभी तक 90 मीटर की दूरी को छूने में नाकाम रहा है। उनका सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन 89.94 मीटर है जो राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है। यह स्टार खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक की तैयारी में जुटा है और उन्हें उम्मीद है कि वह ओलंपिक खेलों में अपने खिताब का बचाव करने में सफल रहेंगे। उन्होंने इस सत्र की शुरुआत दोहा में डायमंड लीग से की जिसमें वह दूसरे स्थान पर रहे। चोपड़ा ने लंबे समय बाद भारत में खेलने के संबंध में कहा,‘‘मेरे लिए मेरा खेल सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। अगर मैं भारत में खेलता हूं तो यह मेरे प्रोफाइल के लिए अच्छा होगा। तोक्यो ओलंपिक से पहले मैं भारत में ही अभ्यास करता था लेकिन अभी मैं केवल अपने खेल पर ध्यान देना चाहता हूं। मैं बाद में भारत में अभ्यास करूंगा।’’
गोला फेंक के एथलीट तेजिंदर पाल सिंह तूर जैसे कुछ खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक के यह क्वालीफाई करने या रैंकिंग अंक हासिल करने की कोशिश करेंगे। दोहा डायमंड लीग में नौवें स्थान पर रहे किशोर जेना भी इस प्रतियोगिता में भाग लेंगे। ऐसे में सभी की निगाहें पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा पर टिकी रहेंगी। भाला फेंक में क्वालीफाइंग राउंड 14 मई को और फाइनल 15 मई को होगा।
एशियाई खेलों के पदक विजेता अविनाश साबले (पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज़), ज्योति याराजी (महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़), पारुल चौधरी (महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज़), अन्नू रानी (महिलाओं की भाला फेंक) और हरमिलन बैंस (महिलाओं की 800 मीटर और 1500 मीटर) उन शीर्ष एथलीटों में शामिल हैं जो विदेशों में अभ्यास करने के कारण इस प्रतियोगिता में भाग नहीं लेपाएंगे। फर्राटा धावक मणिकांत होबलीधर (100 मीटर) और अमलान बोरगोहेन (200 मीटर) भी इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले रहे हैं।
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