By निधि अविनाश | Feb 03, 2022
चीन की राजधानी बीजिंग में 4 फरवरी से शातीकालीन ओलंपिक शुरू होने वाले है। इस खेल के लिए जहां चीन काफी बेसब्री से इंतजार कर रहा है वहीं अमेरिका समते कई देशों ने इस खेलों का डिप्लोमैटिक बायकॉट कर दिया है। इस बीच अमेरिका ने अपने एथलीटों और खिलाड़ियों के सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी एफबीआई ने एक बयान जारी किया है जिसके मुताबिक, अमेरिकी एथलीट्स को रेगुलर फोन ले जाने से मना कर दिया है और उसकी जगह पर प्रीपेड बर्नर फोन क इस्तेमाल करने को कहा है। बता दें कि, बर्नर फोन वह फोन होते है जो सस्ते के साथ-साथ कामचलाऊ होते हैं जिससे केवल आप फोन कर सकते है। जब तक खिलाड़ी बीजिंग में रहेंगे तब तक वह बर्नर फोन का ही इस्तेमाल करने का कहा गया है और बाद में इसे नष्ट कर दिया जाएगा। आसान भाषा में समझें तो बर्नर का मतलब यूज एंड थ्रो होता है।
ऐसा करने की सलाह क्यों?
जानकारी के लिए बता दें कि, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों को लगता है कि, उनके एथलीट्स के फोन के सेफ्टी फीचर्स को बग के जरिए निशाना बनाया जा सकता है। चीन इस हरकत को अंजाम देने में आम हैं। वह अपने देश के नागरिकों को नहीं छोड़ता तो अमेरिका के लोग कहां से सुरक्षित हो सकते हैं। इसी से बचने के लिए एफबीआई ने अमेरिकी एथलीट्स को यह सख्त आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के मुताबिक, अमेरिकी एथलीट्स न तो अपना स्मार्टफोन ले जा पाएंगें और उन्हें अपना फोन घर पर ही छोड़कर जाना होगा। इस फोन की जगह सभी अमेरिकी एथलीटों को टेम्परेरी फोन इस्तेमाल करने को कहा गया है। अमेरिका के अलावा अन्य कई और पश्चिमी देशों ने अपने एथलीटों को स्मार्टफोन ले जाने से मना किया है।
चीन पर नहीं भरोसा
बता दें कि एफबीआई चीन पर पिछले साल फरवरी से ही नजर रख रही है। बताया जा रहा है कि, चीन ने अपने देश में एडवांस्ड टेक्नो सर्विलांस इक्विपमेंट्स इंस्टॉल किए हैं। साथ ही फेशियल रिकग्निगेशन टेक्नोलॉजी भी इस्तेमाल की जा रहा है। यह साइबर सिक्योरिटी के लिहाज से खतरनाक चीजें हैं। बता दें कि, शीतकालीन ओलपिंक 4 से 20 फरवरी तक चलेगा। अमेरिका, जापान, कनाडा समेत करीब 12 देश ऐसे हैं जिन्होंने बीजिंग विंटर ओलिंपिक्स का डिप्लोमैटिक बायकॉट किया है। जिसका मतलब ये हुआ कि खेलों में शिरकत के लिए सिर्फ एथलीट्स जाएंगे लेकिन कोई डिप्लोमैट या प्रोटोकॉल ऑफिसर बीजिंग नहीं जाएगा।