उम्मीद है केंद्र इसे गंभीरता से लेगा, अडानी मामले पर JPC जांच की मांग को लेकर बोले फारूक अब्दुल्ला

By अभिनय आकाश | Nov 21, 2024

उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में सौर बिजली अनुबंध हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। जिसके बाद से ही देश में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की ओर से निशाना साधा जा रहा है। कथित सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट रिश्वत मामले में गौतम अडानी और अन्य पर आरोप लगाने वाले अमेरिकी अभियोजकों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जेपीसी की मांग की गई है और मुझे उम्मीद है कि केंद्र इसे गंभीरता से लेगा और मामले की गहन जांच की जाएगी।  इससे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर कहा कि यहां अडानी को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि गौतम अडानी की गिरफ्तारी नहीं होगी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनके साथ मिले हुए हैं। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष अडानी से जुड़े मामले को उठाएगा। उनका कहना था कि अडानी ने अमेरिका और भारत दोनों देशों में नियमों को तोड़ा है। 

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राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने नारा दिया: एक हैं तो सेफ़ हैं। भारत में नरेंद्र मोदी और अडानी एक हैं तो सेफ़ हैं। हिंदुस्तान में अडानी का कुछ नहीं किया जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि यहां मुख्यमंत्री को जेल भेज दिया जाता है और अडानी 2,000 करोड़ रुपये का घोटाला कर के बाहर घूम रहे हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी उनकी रक्षा कर रहे हैं।  कांग्रेस पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा कि आरोप लगाने से पहले पढ़ लेना चाहिए। अमित मालवीय ने लिखा कि यहां बताए गए सभी राज्य उस दौरान विपक्ष शासित थे। इसलिए, उपदेश देने से पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगियों द्वारा ली गई रिश्वत पर जवाब दें। इसके अलावा, एक भारतीय अदालत इसी तरह, वैध आधार पर, अमेरिकी कंपनियों पर भारतीय बाजारों तक पहुंच से इनकार करने के लिए अमेरिकी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगा सकती है। 

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भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स अदाणी पर अमेरिकी अधिकारियों ने दो अलग-अलग मामलों में रिश्वतखोरी और प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। न्यूयॉर्क की एक अदालत में अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा आपराधिक अभियोग दायर किया गया है, जिसमें उन पर तथा उनके भतीजे सागर सहित सात अन्य पर महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश जैसे राज्य सरकारों के अज्ञात अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है, ताकि 20 वर्षों में दो अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का लाभ कमाया जा सके। मुकदमे के अनुसार, नयी दिल्ली स्थित एज्यूर पावर भी कथित रिश्वतखोरी साजिश का हिस्सा थी। इसके अलावा, अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने भी गौतम और सागर अदाणी तथा एज्यूर पावर के एक अधिकारी पर ‘‘संघीय प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी-रोधी प्रावधानों का उल्लंघन करने’’ का आरोप लगाया। अदाणी समूह से इस संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन फिलहाल उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। हालांकि समूह की अक्षय ऊर्जा शाखा अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने बृहस्पतिवार को 60 करोड़ डॉलर का बॉण्ड जारी करने से इनकार कर दिया। 

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