By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 06, 2022
उल्लेखनीय है कि बुधवार को कश्मीर घाटी के बारामूला में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि लोगों के सामने दो मॉडल का विकल्प है... पहला प्रधानमंत्री मोदी का, जिसमें विकास, शांति और एकता, रोजगार बढ़ाने की बात होती है और दूसरा गुपकार मॉडल है जिसने पुलवामा हमला होने दिया। उन्होंने कहा था कि गुपकार मॉडल पाकिस्तानी आतंकवादियों को लेकर आता है, जबकि मोदी मॉडल 56,000 करोड़ रुपये का निवेश लेकर आता है जिससे पांच लाख रोजगार का सृजन होगा। उन्होंने कहा था, ‘‘गुपकार मॉडल में युवाओं के हाथों में पत्थर और मशीनगन मिलती हैं जबकि मोदी मॉडल में युवाओं को आईआईटी, एम्स, एनआईएफटी और नीट मिलता है।’’ अमित शाह द्वारा बारामूला की रैली में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने ‘उनके और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला’ के शासन के दौरान जम्मू-कश्मीर में हुए विकास कार्यों का लेखाजोखा प्रस्तुत किया है। पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के चार बार के मुख्यमंत्री रहे अब्दुल्ला ने नेकां शासन के दौरान हुए विकास कार्यों का ‘डोजियर’जारी करते हुए कहा, ‘‘कल, गृहमंत्री अमित शाह ने मुझसे नेशनल कांफ्रेंस के शासन में हुए विकास का लेखाजोखा मांगा था। वह यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि नेकां के शासन में कुछ भी नहीं हुआ और पार्टी ने अपने शासन में केवल समय व्यय किया और उसके पास दिखाने को कुछ नहीं है।’’
उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक और अपने पिता शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के राज्य की सत्ता का प्रमुख रहते हुए जम्मू-कश्मीर में उठाए गए कदमों की जानकारी दी। अब्दुल्ला ने कहा कि सूची पूरी नहीं है बल्कि किए गए कुछ कार्यों का उल्लेख मात्र है। इसके अलावा नेकां प्रमुख ने जमींदारी उन्मूलन, भूमिहीनों को जमीन देने, विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा मुफ्त देने की व्यवस्था, जम्मू-कश्मीर विश्वविद्यालय की स्थापना, वयस्क शिक्षा केंद्र आदि का उल्लेख किया। फारुक अब्दुल्ला ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के तौर पर उनके पिछले कार्यकाल में 6000 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हुई और बगलीहार, उरी और दुल हस्ती विद्युत परियोजनाएं स्थापित हुईं जिनकी 1770 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है। नेकां अध्यक्ष द्वारा जारी ‘डोजियर’ में उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री रहने के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अंतत: लोग फैसला करेंगे कि क्या हासिल हुआ और क्या नहीं। अब अमित शाह जी लोगों से गत साढ़े तीन साल में जम्मू-कश्मीर में हासिल उपलब्धि साझा कर सकते हैं।