लखनऊ। संयुक्त किसान मोर्चा की राजनीतिक महत्वाकांक्षा लगातार बढ़ती जा रही है। वह हर उस राज्य में अपने पैर पसारना चाह रहा है जहां आगामी कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं।खासकरभास्कर मोर्चे की नजर उत्तर प्रदेश पर लगी है। इस बात का एहसास आज उसने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके करा दिया। मोर्चा अब उत्तर प्रदेश में भी कृषि कानून का विरोध करने के साथ ही किसानों के हित में अभियान चलाएगा। लखनऊ के प्रेस क्लब में आज किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव ने मीडिया को संबोधित किया। टिकैत के साथ योगेंद्र यादव ने भी मीडिया से अपने मिशन को साझा किया। राकेश टिकैत ने कहा कि हम तो किसान आंदोलन की धार को तेज करने की तैयारी में हैं। इसी को साझा करने लखनऊ आए हैं। दिल्ली बॉर्डर से लखनऊ आने का कारण पूछने पर राकेश टिकैत ने कहा कि लखनऊ तो राजधानी है, यहां पर काफी काम होते हैं।
किसानों के तीन कानून रद कराने व एमएसपी की कानूनी गारंटी मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा बीते आठ माह से आंदोलन कर रहा है। मोर्चे के आंदोलन का अगला पड़ाव यूपी व उत्तराखंड होगा। इसे मिशन के रूप में शुरू किया जाएगा। मोर्चा पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में महारैली करके धमाकेदार शुरुआत करेगा, इसके बाद सभी मंडलों पर महापंचायत होगी। किसान नेता राकेश टिकैत व योगेन्द्र यादव का आरोप है कि योगी आदित्यनाथ सरकार का दाना-दाना खरीद का वादा महज जुमला था। सरकारी आंकड़े ही खरीद की सच्चाई बयां कर रहे हैं। नेताओं ने यह भी कहा कि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे सिर्फ किसानों को एकजुट करके उन्हेंं सच्चाई बताएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में सभी टोल प्लाजा फ्री करें। उन्होंने हमारे इस आंदोलन में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का विरोध और भाजपा व सहयोगी दलों के कार्यक्रमों का विरोध व बहिष्कार होगा।
किसान नेताओं ने कहा कि हम तो किसान के हित की बात करेंगे, अगर सरकार सख्ती करते हैं तो हम लखनऊ को भी दिल्ली बना सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार भी काफी सख्ती बरत रही है। वक्त आने पर इनको भी किसान की ताकत बता देंगे। योगेंद्र यादव ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा तो उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड में भी आंदोलन शुरू करने जा रहा है।