By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 23, 2021
नयी दिल्ली| किसान संघों के संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (एसकेएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत सरकार के समक्ष उठायी गयी अपनी छह मांगें दोहराते हुए सोमवार को कहा कि जब तक ये मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक वह आंदोलन जारी रखेगा।
एसकेएम ने यह भी कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर इसका आंदोलन तब तक समाप्त नहीं किया जाएगा, जब तक तीनों संबंधित कृषि कानूनों को संसद में औपचारिक तौर पर निरस्त नहीं कर दिया जाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कानूनों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले की घोषणा की थी।
एसकेएम ने एक बयान में कहा कि एसकेएम (संयुक्त किसान मोर्चा) ने सिंघू सीमा पर अपनी बैठक के बाद कल देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा था।
उसने कहा कि इस पत्र में एसकेएम ने लिखा है कि प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय समाधान के बजाय सरकार के फैसले की एकतरफा घोषणा का रास्ता चुना है, हालांकि वह इसका स्वागत भी करता है।
एसकेएम ने किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने और तीन विवादास्पद केंद्रीय कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले प्रदर्शनकारियों के लिए स्मारक बनाने की भी मांग की।
तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की शुक्रवार की प्रधानमंत्री की आश्चर्यजनक घोषणा के बावजूद, किसान नेताओं ने कहा है कि वे तब तक नहीं झुकेंगे जब तक कि संसद में औपचारिक रूप से कानूनों को निरस्त नहीं कर दिया जाता।
उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वैधानिक गारंटी और बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेने के लिए उनका आंदोलन जारी रहेगा।
इस फैसले के लिए मोदी को धन्यवाद देते हुए एसकेएम ने अपने पत्र में कहा था, ‘‘ग्यारह दौर की बातचीत के बाद, आपने द्विपक्षीय समाधान के बजाय एकतरफा घोषणा का रास्ता चुना।’’
इसने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 में किसानों के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों को हटाने की भी मांग की।
एसकेएम की मांगों में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को पद से हटाना और गिरफ्तारी भी शामिल है, जिनका बेटा गत तीन अक्टूबर को हुई लखीमपुर खीरी हिंसा का आरोपी है। उक्त घटना में कई किसान मारे गए थे।