By अभिनय आकाश | May 01, 2022
आज महाराष्ट्र का 62वां स्थापना दिवस है। आज राज्य की सियासत का सुपर संडे देखने को मिला। एक तरफ राज ठाकरे की बहुचर्चित औरंगाबाद रैली तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के सोमैया मैदान में एक 'बूस्टर डोज' रैली को संबोधित किया। फडणवीस की रैली को नगर निकायों के आगामी चुनावों के लिए अभियान के शुभारंभ के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरान देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आज हम महाराष्ट्र के लोगों को महाराष्ट्र दिवस की शुभकामनाएं देते हैं जिन्होंने हमें पहचान दी, हमें जीने का अधिकार दिया। पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि महाराष्ट्र दिवस सिर्फ जश्न मनाने का दिन नहीं है बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि देने का दिन है।
राम की तरफ हो या रावण की तरफ?
देवेंद्र फडणवीस ने इस दौरान शिवसेना को जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि शिवसेना कहती है कि बाबरी विध्वंस उन्होंने किया। लेकिन वास्तविकता ये है कि उस समय इनमें से वहां कोई नहीं था। कार्यकर्ताओं ने विवादित ढांचे को ढहाया। कल्याण सिंह ने कहा कि राम के सेवकों पर गोली कैसे चलाएंगे? ये कार सेवक हैं। आप तो राम नाम बोलने और हनुमान चालीसा का पाठ करने वालों पर केस करते हैं। आप ये स्पष्ट करिए कि राम की तरफ हो या रावण की तरफ।
हमारे जवानों का अपमान नहीं करें
फडणवीस ने कहा कि आर्टिकल 370 को मोदी सरकार की तरफ से हटाया गया। एलएसी में घुसकर पीएलए के जवानों को मुंहतोड़ जवाब दिया गया। आप पूछते हो कि चीन हमारी जमीन पर है। फडणवीस ने कहा कि वो आपके साथी कांग्रेस ने ही दिया था। आप हमारे जवानों का अपमान मत कीजिए। जबकि सच्चाई ये है कि महाराष्ट्र की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर आपने खराब किया है।
गदाधारी नहीं गांधारी
हनुमान चालीसा विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि उनके घर पर हनुमान चालीसा पढ़ने में कोई समस्या नहीं है लेकिन दादागीरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने भगवान हनुमान का संदर्भ देते हुए कहा कि शिवसेना का हिंदुत्व गदाधारी है। इसके जवाब में आज फडणवीस ने कहा कि गदाधारी नहीं आप गांधारी हो।
वर्क फ्रॉम जेल चल रहा
नवाब मलिक को लेकर तंज कसते हुए फडणवीस ने कहा कि वर्क फ्राम होम सुना था इनका वर्क फ्राम जेल चल रहा है। बीजेपी आम आदमी की आवाज है, इन सब के खिलाफ। मुंबई मुंबईकरों की है, जो कि माफियाओं के हाथों से निकालकर उन्हें वापस दिलवानी है। मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की किसी के बाप में ताकत नहीं।