By अंकित सिंह | Aug 02, 2019
विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से कहा कश्मीर पर वार्ता की यदि जरूरत पड़ी, तो यह केवल पाकिस्तान से होगी और सिर्फ द्विपक्षीय होगी। माना जा रहा है कि भारत ने अमेरिका के मध्यस्थता की पेशकश को ठुकराते हुए ट्रंप को कड़ा संदेश देने की कोशिश की है। आज ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कि कश्मीर विवाद को सुलझाना भारत और पाकिस्तान पर निर्भर करता है लेकिन अगर दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश इस दशकों पुराने मुद्दे को सुलझाने में उनकी मदद चाहेंगे तो वह इसके लिए तैयार हैं।
जयशंकर इस समय थाईलैंड की राजधानी में हैं। वह आसियान-भारत मंत्रिस्तीय बैठक, नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्रियों की बैठक, 26वें आसियान क्षेत्रीय मंच और 10वें मेकोंग गंगा निगम मंत्रिस्तरीय बैठक समेत कई सम्मेलनों में भाग लेने यहां आए हैं। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘(अमेरिका के विदेश मंत्री) पोम्पिओ से क्षेत्रीय मामलों पर विस्तृत वार्ता हुई।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिकी समकक्ष पोम्पिओ को आज सुबह स्पष्ट रूप से यह बता दिया गया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई, तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय होगी।’’
ट्रंप पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ पिछले हफ्ते हुई बैठक का हवाला दे रहे थे जिसमें उन्होंने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में मदद की पेशकश की थी। भारत ने इस पेशकश को खारिज कर दिया था जबकि पाकिस्तान ने ट्रंप के बयान का स्वागत किया था।