By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 26, 2017
कोलकाता। दुनियाभर में बढ़ते साइबर हमलों को देखते हुए सूचना प्रौद्योगिक क्षेत्र के विशेषज्ञों का मत है कि 2018 में कंपनियों के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) से संबद्ध उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक प्रमुख काम होगा। उल्लेखनीय है कि आईओटी से जुड़े उपकरणों को आपस में इंटरनेट के माध्यम से संचालित किया जा सकता है।
ज्यूनिपर नेटवर्क्स के उपाध्यक्ष (सुरक्षा विपणन) फ्रेंकलिन जोन्स ने कहा, ‘‘आईओटी उपकरण ग्राहकों के लिए एक चिंता का विषय हैं। हम एकल पॉइंट के बजाय पूरे नेटवर्क को ‘सुरक्षित’ करने वाली कारोबारी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखेंगे। इससे आईओटी उपकरणों की सुरक्षा के प्रबंधन की लागत और जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।’’ गार्टनर की रपट के अनुसार वर्ष 2018 में सुरक्षा उत्पादों और सेवाओं पर वैश्विक खर्च बढ़कर 93 अरब डॉलर हो जाएगा।