मुंबई। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अनुसूचित बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिये तरजीही शेयर आवंटन नियमनों में और रियायत दिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सेबी के इस कदम से बैंकों और वित्तीय संस्थानों को बढ़ते फंसे कर्ज की चिंताओं के बीच बकाये की वसूली में मदद मिलेगी। सेबी बोर्ड का यह निर्णय ऐसे समय आया है जब बैंकिंग क्षेत्र ‘‘उल्लेखनीय रूप से ऊंची गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए)’’ के जोखिम का सामना कर रहा है और रिजर्व बैंक उनसे इस मुद्दे से निपटने के लिये कड़ी कारवाई करने को कह रहा है।
सेबी चेयरमैन अजय त्यागी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सेबी निदेशक मंडल की बैठक में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों को तरजीही आवंटन नियमनों से जुड़े कुछ प्रावधानों से छूट देने को मंजूरी दी गई है। बैठक के बाद जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘ऐसा माना जा रहा है कि कई बैंक अपने बकाये की वसूली के लिये पूरी सक्रियता के साथ काम करेंगे और ऐसे में बैंक कंपनी ऋण पुनर्गठन अथवा रणनीतिक ऋण पुनर्गठन या फिर द्विपक्षीय पुनर्गठन का रास्ता अपना सकते हैं।’’
मौजूदा नियमों में शेयर जारी करने वाली कोई इकाई ऐसे किसी भी व्यक्ति को तरजीही शेयर आवंटन नहीं कर सकती जिसने शेयर जारी करने वाली कंपनी के तरजीही निर्गम के छह माह पहले की अवधि में उसके इक्विटी शेयरों की बिक्री की होगी। इसके अलावा ऐसे आवंटी की तरजीही आवंटन से पहले की पूरी शेयरहोल्डिंग पर छह माह के लिये खरीद बिक्री से रोक दिया जाता है। वर्तमान में म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों को इन शर्तों से छूट है।