By अनुराग गुप्ता | May 15, 2022
उदयपुर। कांग्रेस ने पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए राजस्थान के उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया। चिंतन शिविर के आखिरी दिन ईवीएम के इस्तेमाल पर भी चर्चा हुई। इस दौरान ईवीएम के प्रति कांग्रेस की नाराजगी देखने को मिली। ऐसे में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ईवीएम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा सकती है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस ने निर्णय किया है कि सत्ता में आने के बाद ईवीएम पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस ने ईवीएम मुद्दे को लेकर कहा कि चिंतन शिविर पार्टी और उसके भविष्य के एजेंडे की आंतरिक चर्चा के लिए है। ऐसे में सर्वदलीय बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे और वहां पर इसको लेकर निर्णय लिया जाएगा।
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि उनकी पार्टी को ईवीएम हटाकर मतपत्र से चुनाव कराने का वादा अगले लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में करना चाहिए और इस मुद्दे को जनता के बीच भी ले जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह उनकी निजी राय है लेकिन कई नेताओं ने भी इस पर सहमति जताई है।
चिंतन शिविर का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने बताया कि ईवीएम पर बहुत चर्चा हुई है। बहुत घपलेबाजी हो रही है। मेरी निजी राय है कि आग्रह करने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे नहीं हटाएंगे। हमें उन्हें हराना पड़ेगा। हमारे चुनावी घोषणापत्र में लिखना पड़ेगा कि हम सत्ता में आएंगे तो ईवीएम हटाकर मतपत्र की तरफ जाएंगे।
कांग्रेस निकालेगी भारत जोड़ो यात्रा
चिंतन शिविर में कांग्रेस ने निर्णय किया है कि पार्टी 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की शुरूआत करेगी। इस यात्रा में सभी युवा और सभी नेता शामिल होंगे। पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में इसकी जानकारी दी।
गठबंधन राजनीति पर हुआ मंथन
राजनीतिक मामलों की कमेटी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन किए जाने की वकालत की। हालांकि गठबंधन राजनीति के मुद्दे पर कई नेताओं की राय अलग-अलग दिखाई दी। पार्टी के कुछ नेताओं को लगता है कि कांग्रेस को अकेले ही मजबूती के साथ चुनावों की दिखा पर आगे बढ़ने की जरूरत है और यह कांग्रेस को दूरगामी परिणाम देंगे।