By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 28, 2018
नई दिल्ली। भारत की अग्रणी कृषि सेवा समाधान प्रदाता कंपनी, जो पूरे भारत व म्यांमार में परिचालन करती है, सोहन लाल कमॉडिटी मैनेजमेंट (एसएलसीएम) को 'ईटी नाउ स्टार्स ऑफ इंडस्ट्री अवार्ड्स − फॉर ऐक्सीलेंस इन लर्निंग एंड डैवलपमेंट' 2018 में 'बैस्ट इनोवेटिव टेक्नोलॉजी इनिशिएटिव' श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है। एसएलसीएम ग्रुप के सीबीओ श्री अंकुर जयपुरिया तथा जीएम−कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन सुश्री वर्णिका कुकरेजा ने यह सम्मान मुख्य अतिथियों− श्री जी पी राव, संस्थापक एवं मैनेजिंग पार्टनरख् जीपीआर एचआर कंसल्टिंग एलएलपी और सुश्री माधुरी साठे, ऐक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर, इंदिरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स से प्राप्त किया। यह पुरस्कार समारोह 21 दिसंबर 2018 को ताज महल होटल, नई दिल्ली में आयोजित किया गया जिसमें दुनिया भर से 500 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। ईटी नाउ द्वारा प्रदान किए जाने वाले 'स्टार्स ऑफ द इंडस्ट्री अवार्ड्स' का लक्ष्य विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ संगठनों और व्यक्तियों को पहचान कर पुरस्कृत करना है। विजेताओं का चयन स्वतंत्र निर्णायकों द्वारा किया जाता है जिनमें भारतीय उद्योग जगत के प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं।
पुरस्कार समारोह के बाद एसएलसीएम के ग्रुप सीईओ श्री संदीप सभरवाल ने कहा, 'प्रतिष्ठित स्टार्स ऑफ द इंडस्ट्री अवार्ड्स की ओर से हमारी पेटेंट टेक्नोलॉजी ऐग्री रीच के लिए 'बैस्ट इनोवेटिव टेक्नोलॉजी इनिशिएटिव' का पुरस्कार प्राप्त करना हमारे लिए बहुत ही सम्मान की बात है। हमारे देश के सबसे ज्यादा लोगों को कृषि से ही आजीविका मिलती है, इसलिए कृषि क्षेत्र आर्थिक वृद्धि एवं सामाजिक परिवर्तन का अगुवा है। हमें ऐसे मॉडल तैयार करने की अत्यंत आवश्यकता है जो किसानों को केवल किसान होने से उभरते उद्यमी बनाने की राह पर ले जाएं। कृषि सेवा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी होने के नाते एसएलसीएम का लक्ष्य है कृषि समुदाय को नवीनतम तकनीकी समाधान मुहैया कराने में सबसे आगे रहना। अपने प्रॉपराइटरी ऐग्री सर्विसिस सॉल्यूशन ऐग्री रीच के जरिए हम वैज्ञानिक भंडारण पद्धति को अमल में लाए हैं तथा अपनी एनबीएफसी 'किसानधन' के द्वारा हम कृषि फाइनेंसिंग में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। हमें इस पर गौरव अनुभव होता है की देश में कृषि क्षेत्र के उत्थान में हम अहम भूमिका निभा रहे हैं एवं इस क्षेत्र में अभिनव समाधानों के अग्रदूत बने हैं।'
एसएलसीएम को उनकी इनोवेटिव और वैज्ञानिक कमॉडिटी हैंडलिंग के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कंपनी 'ऐग्री रीच' के माध्यम से यह कार्य करती है और इस तरह वह कृषि क्षेत्र में एक प्रभावी और भविष्य की सप्लाई चेन एवं लॉजिस्टिक सॉल्यूशंस को बढ़ावा दे रही है। 'ऐग्री रीच' का पेटेंट अभी प्रतीक्षित है, यह तकनीक फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को 10 प्रतिशत सालाना से घटा कर 0.5 प्रतिशत पर ले आती हैय चाहे कैसा भी इंफ्रास्ट्रक्चर हो, या फसल या भौगोलिक स्थित हिो, इस तकनीक का परिणाम उत्तम रहता है। फिक्की ने भी अपने अध्ययन में इसकी तस्दीक की है। इसके अलावा, इस तकनीक की व्यापकता को सिद्ध करने के लिए कंपनी ने अप्रैल 2014 में 'एसएलसीएम लि. म्यांमार' के रूप में म्यांमार में अपना परिचालन आरंभ कियाय और अब वहां यह कंपनी एक स्वतंत्र इकाई के तौर पर फसल कटाई के बाद होने वाली बर्बादी को 20 से 25 प्रतिशत घटाने में कामयाब रही है।
यह भी पढ़ें: इंडिगो की यात्री सेवाएं सबसे खराब, एअर इंडिया की सामान नीति सबसे अच्छी
एसएलसीएम को विभिन्न उद्योग एवं व्यापार संगठनों जैसे वर्ल्ड बैंक, ऐसोचैम, टाइम्स ग्रुप, इंडो ग्लोबल एसएमई चैम्बर, गोल्डन पीकॉक और सीआईआई आदि ने सम्मानित किया है। एसएलसीएम ग्रुप को गर्व है की वह कृषि उद्योग में एक आविष्कारक है और इन्होंने निरंतर ऐसे उत्पाद व सेवाएं प्रस्तुत किए हैं जिन्होंने अपनी क्षमता साबित करते हुए कृषि क्षेत्र को सशक्त किया है। कंपनी की वैज्ञानिक प्रक्रिया 'ऐग्री रीच' (जिसका पेटेंट प्रतीक्षित है) जो फसल कटाई के बाद बर्बादी को कम करती है और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी किसानधन ने कृषि फाइनेंसिंग को नए आयाम देकर सही मायनों में 'वित्तीय समावेशन' को मुमकिन किया है।